सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का जंतर-मंतर पर प्रस्तावित अनशन टल जाने की उम्मीद है। मजबूत लोकपाल की मांग को लेकर 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर अनशन की तैयारियों में जुटे अन्ना को दिल्ली पुलिस ने तगड़ा झटका दिया है। दिल्ली पुलिस ने अन्ना को जंतर-मंतर पर बेमियादी अनशन के लिए हरी झंडी देने से इनकार कर दिया है। अन्ना ने बीते अप्रैल में इसी जगह से जन लोकपाल की लड़ाई का शंखनाद किया था। हालांकि अन्ना ने कहा है कि यदि जंतर-मंतर पर अनशन की इजाजत नहीं मिलती है तो वो राजघाट पर अनशन करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने अन्ना को जंतर-मंतर पर अनशन से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2009 में दिए गए एक आदेश का हवाला दिया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली में किसी भी स्थान पर बेमियादी धरना की इजाजत नहीं दे सकती। पुलिस का कहना है कि चूंकि उस वक्त संसद का सत्र चल रहा होगा, ऐसे में किसी को जंतर-मंतर पर पूरा जगह घेरने की इजाजत नहीं दी जा सकती है क्योंकि उस वक्त कई अन्य संगठन भी विरोध प्रदर्शन के लिए वहां जुट सकते हैं।
जंतर-मंतर पर धरने की इजाजत के लिए टीम अन्ना की ओर से लिखे पत्र के जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि टीम अन्ना चाहे तो अनशन स्थल दिल्ली के बाहरी इलाकों में कर सकते है या फिर एक निश्चित समय-सीमा दे जिस दौरान उन्हें धरना-प्रदर्शन की इजाजत दी जा सके। सरकार ने लोकपाल बिल के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट को मंजूरी देकर टीम अन्ना को झटका दिया। सरकार के मसौदे में मौजूदा पीएम और न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है जबकि टीम अन्ना मौजूदा पीएम को भी लोकपाल के दायरे में रखना चाहती थी।
केंद्रीय कैबिनेट ने सरकार के प्रतिनिधियों की तरफ से पेश किए गए ड्राफ्ट को कुछ बदलावों के साथ गुरूवार को हरी झंडी दिखा दी, लेकिन गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना के ड्राफ्ट को दरकिनार कर दिया। कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए बिल को संसद की मंजूरी के लिए 1 अगस्त से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा। सरकार के एकतरफा फैसले से नाराज अन्ना और उनके समर्थकों ने 9 अगस्त को सरकारी बिल की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।
दिल्ली पुलिस ने अन्ना को जंतर-मंतर पर अनशन से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 2009 में दिए गए एक आदेश का हवाला दिया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली में किसी भी स्थान पर बेमियादी धरना की इजाजत नहीं दे सकती। पुलिस का कहना है कि चूंकि उस वक्त संसद का सत्र चल रहा होगा, ऐसे में किसी को जंतर-मंतर पर पूरा जगह घेरने की इजाजत नहीं दी जा सकती है क्योंकि उस वक्त कई अन्य संगठन भी विरोध प्रदर्शन के लिए वहां जुट सकते हैं।
जंतर-मंतर पर धरने की इजाजत के लिए टीम अन्ना की ओर से लिखे पत्र के जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि टीम अन्ना चाहे तो अनशन स्थल दिल्ली के बाहरी इलाकों में कर सकते है या फिर एक निश्चित समय-सीमा दे जिस दौरान उन्हें धरना-प्रदर्शन की इजाजत दी जा सके। सरकार ने लोकपाल बिल के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट को मंजूरी देकर टीम अन्ना को झटका दिया। सरकार के मसौदे में मौजूदा पीएम और न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे से बाहर रखा गया है जबकि टीम अन्ना मौजूदा पीएम को भी लोकपाल के दायरे में रखना चाहती थी।
केंद्रीय कैबिनेट ने सरकार के प्रतिनिधियों की तरफ से पेश किए गए ड्राफ्ट को कुछ बदलावों के साथ गुरूवार को हरी झंडी दिखा दी, लेकिन गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना के ड्राफ्ट को दरकिनार कर दिया। कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए बिल को संसद की मंजूरी के लिए 1 अगस्त से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा। सरकार के एकतरफा फैसले से नाराज अन्ना और उनके समर्थकों ने 9 अगस्त को सरकारी बिल की प्रतियां जलाने का फैसला किया है।
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