फाई को मिली जमानत, घर में नज़र बंद. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 27 जुलाई 2011

फाई को मिली जमानत, घर में नज़र बंद.


अमरीका में कश्मीरी लॉबिस्ट सैयद ग़ुलाम नबी फ़ाई को ज़मानत मिल गई है हालाँकि अब उन्हें घर में ही नज़रबंदी का आदेश सुनाया गया है. इसके अलावा फ़ाई वॉशिंगटन से बाहर नहीं जा सकते और उनकी इलेक्ट्रॉनिक निगरानी भी होगी. दूसरे अभियुक्त ज़हीर अहमद से उनका संपर्क भी नहीं हो सकता है.

बिना पंजीकरण के, पाकिस्तान सरकार की ओर से कश्मीर के लिए लॉबिंग करने के आरोप में अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी एफ़बीआई ने फ़ाई को पिछले हफ़्ते गिरफ़्तार किया था. एफ़बीआई ने अदालत में दाख़िल हलफ़नामे में फ़ाई पर आरोप लगाया था कि उन्हें पाकिस्तान सरकार के तत्वों और ख़ासकर ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की ओर से कश्मीर मसले पर लॉबिंग करने के लिए पैसे मिलते थे.

अमरीकी जज ने सरकारी पक्ष की ये बात मानने से इनकार कर दिया कि फ़ाई सज़ा से बचने के लिए देश छोड़कर जा सकते हैं और फ़ाई को एक लाख डॉलर की ज़मानत पर छोड़ दिया. मगर साथ ही अदालत ने उन्हें घर में नज़रबंद करने का आदेश ज़रूर सुना दिया.


फ़ाई वॉशिंगटन स्थित कश्मीर सेंटर या कश्मीरी अमरीकी परिषद के कार्यकारी निदेशक थे. संगठन का दावा रहा है कि यह ग़ैर-सरकारी है और अमरीकियों से ही इसे धन मिलता है. मगर एफ़बीआई की ओर से बताया गया है कि 1990 के दशक से लेकर अब तक इस संगठन को पाकिस्तान सरकार से 40 लाख डॉलर मिले हैं जिससे कश्मीर पर अमरीकी रुख़ को प्रभावित किया जा सके. अभियोग पक्ष की ओर से कहा गया कि फ़ाई ने पिछले हफ़्ते हुई गिरफ़्तारी के बाद एक एफ़बीआई एजेंट से बातचीत में माना था कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई से उनके संबंध थे और वह 15 साल से उनके संपर्क में थे.

अभियोग पक्ष के वकील गॉर्डन क्रोमबर्ग ने सुनवाई के दौरान कहा कि इन हालात में विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसी फ़ाई को बचाने की कोशिश करेगी और वह देश छोड़कर जा सकते हैं. इस पर बचाव पक्ष की वकील नीना गिन्सबर्ग ने बताया कि  पाकिस्तान इन आरोपों का पुरज़ोर खंडन कर चुका है और इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि आईएसआई फ़ाई की मदद करने की कोशिश करेगी.


कोई टिप्पणी नहीं: