बिहार के विभिन्न हिस्सों में वज्रपात से 19 लोगों की मौत हो गई है जबकि 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. केवल कैमूर जिले में 11 लोग वज्रपात के चपेट में आने से असमय काल की गाल में समा गए. सरकार ने मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है.
पुलिस के अनुसार कैमूर में 11, पटना के मसौढ़ी में तीन, बिहार शरीफ में तीन तथा नवादा और जमुई में एक-एक लोगों की मौत वज्रपात से हो गई है. कैमूर जिला के चैनपुर प्रखंड में वज्रपात से मनरेगा के पांच मजदूरों की मौत हो गई जबकि मोहनिया के बरेज गांव में खेत में काम कर रही एक महिला की तथा चांद थाना क्षेत्र में मां और पुत्री की मौत वज्रपात के दौरान हो गई. इसी थाना क्षेत्र के सोनाव गांव में दो छात्राओं की मौत वज्रपात से हो गई. इसके अतिरिक्त लोदीपुर गांव में एक महिला की मौत हो गई.
बिहार शरीफ में अलग-अलग स्थानों पर तीन लोगों की मौत हो गई. बेन थाना के जुआफर गांव में एक व्यक्ति जबकि मानुपर थाना के सरहबदी गांव में राजू और नौलेश की मौत वज्रपात से हो गई. पटना के मासैढ़ी अनुमंडल में धनरूआ थाना क्षेत्र में खेत में काम कर रही बखोरनी देवी, ज्ञानती देवी और झरोखा देवी की मौत हो गई है. इसके अतिरिक्त नवादा जिले के कौआकोल थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव में जितेन्द्र यादव की जबकि जमुई जिले के चकाई थाना के सिमरिया गांव में भूदेव चौधरी की मौत वज्रपात से हो गई है. औरंगाबाद और सासाराम में भी वज्रपात से तीन लोगों की मौत की सूचना है हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
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