अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ हुई पहली बैठक के दौरान असैनिक परमाणु सहयोग समेत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि उन्होंने हमारे द्विपक्षीय संबंध और हमारी सामरिक वार्ता में गति कायम रखने के बारे में बातचीत की। नूलैंड ने कहा कि उन्होंने हमारे असैनिक परमाणु सहयोग और लगातार प्रयासों समेत समूचे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की ताकि आगे का रास्ता तैयार किया जा सके जो भारत को अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकी का लाभ देगा।
पिछले साल अमेरिका में भारत का राजदूत बनने के बाद राव की हिलेरी के साथ यह पहली बैठक है। नूलैंड ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान और नए सिल्क मार्ग पहल का समर्थन देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका और अफगानिस्तान में निजी क्षेत्र के क्षमता निर्माण के मुद्दे पर चर्चा की। नूलैंड ने बताया कि उन्होंने बर्मा पर भी चर्चा की। सवालों का जवाब देते हुए नूलैंड ने कहा कि अमेरिका को भारत के साथ जो मुद्दे हैं उसपर दोनों देश कानूनी और नियामक के जरिए अब भी काम कर रहे हैं।
हिलेरी और राव ने ईरान के बारे में और तेहरान के खिलाफ अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के मुद्दे पर कैसे नयी दिल्ली और वाशिंगटन साथ मिलकर काम कर सकते हैं इसपर भी चर्चा की। अमेरिका भारत से अनुरोध कर रहा है कि वह ईरानी तेल पर अपनी निर्भरता कम करे। इसके बारे में नयी दिल्ली का जोर है कि ऐसा करना बेहद कठिन है।
नूलैंड ने कहा कि जैसा हमने विगत डेढ़ हफ्तों में कई बार कहा है कि हमारी इस कानून के बारे में नई दिल्ली में सरकार के साथ सघन चर्चा हुई है और हम इसपर लगातार चर्चा कर रहे हैं कि कैसे हम चरणबद्ध और व्यवस्थित तरीके से इसे लागू कर सकते हैं।
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