समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से विवादों के घेरे में हैं. आने वाली फिल्म 'गली-गली चोर है' देखने के बाद अन्ना ने मीडिया से कहा कि इंसान की जब सहने की क्षमता खत्म हो जाती है तो वो तमाचे का ही सहारा लेता है.
मंगलवार को अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि में 'गली-गली में चोर है' फिल्म की खास स्क्रीनिंग रखी गई थी. फिल्म भ्रष्टाचार पर बनाई गई है.
अन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि,"सहन करने की एक सीमा होती है, जब सहन करने की सीमा खत्म हो जाती है तो फिर सामने वाला चाहे जो भी हो एक तमाचा लगा गया तो दिमाग ठिकाने पर आ जाएगा. अब यही रास्ता बाकी है."
ये पहली बार नहीं है जब अन्ना हजारे ने तमाचा मारने की वकालत की हो. जब दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर एक शख्स ने हमला किया था तब भी अन्ना थप्पड़ पर बयान देकर विवादों में आ गए थे. बाद में देशव्यापी विरोध के बाद अन्ना अपने इस बयान से पलट गए थे और कहा था कि वो तो सिर्फ घटना की जानकारी ले रहे थे.
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