कई सालों से ग्लोबल वार्मिंग विश्व भर में चिंता का विषय रहा है. आगाह किया जाता रहा है कि धरती के गर्म होने की वजह से बर्फ पिघल रहा है जिससे जल स्तर के बढ़ने का खतरा बना हुआ है. परन्तु अब वैज्ञानिक ताज़ा आंकड़ों के आधार पर कह रहे हैं कि पंद्रह वर्षों से धरती के तापमान में वृद्धि नहीं हुई है और अभी यह बढ़ने वाला भी नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हिम युग के आने की आशंका है. पिछली बार 17 वीं सदी में करीब 70 साल तक लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की गयी थी.
विश्व भर में 30 जगहों से इकट्ठा किये गए आंकड़े के अनुसार 1997 के बाद धरती के तापमान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. यही कारण है कि 20 वीं सदी में उच्च स्तर पर ऊर्जा छोड़ने के बाद सूर्य अब निम्न स्तर की और बढ़ रहा है और इसे ही हिम युग का संकेत माना जा रहा है. इस स्थिति में गर्मियों में भी सर्दी पड़ेगी और सर्दियां जमने वाली होंगी. अनाज की उपज लायक मौसम की अवधि कम हो जाएगी.
वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य अपनी उर्जा के उच्चतम से निम्न की ओर बढ़ रहा है . इस चक्र को 25 का नाम दिया गया है. इसी चक्र के कारण पिछले सप्ताह तूफ़ान आया था. यह दौर अभी जारी रहेगा. सूर्य की गतिविधि में 1790 से 1830 के दौरान भी ऐसा ही बदलाव देखा गया था. 1645 से 1715 के बीच भी सूर्य ऊर्जा छोड़ने के न्यूनतम स्तर पर था. परन्तु हिम युग की वापसी के बारे में नासा के वैज्ञानिकों का तर्क है कि सूर्य के उर्जा स्तर में कमी आएगी लेकिन धरती पर होने वाले औद्योगिक गतिविधियों के कारण बढ़ रहे तापमान इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें