सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि गुजरात में 2003 से 2006 तक के बीच फर्जी मुठभेड़ों की जांच होगी. सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति से गुजरात में साल 2003 से 2006 के दौरान मुठभेड़ में हुई लोगों की हत्याओं की जांच करने को कहा है.
कोर्ट ने निगरानी प्राधिकार के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम बी शाह से कहा कि वह तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपें. उच्चतम न्यायालय ने निगरानी प्राधिकार से विशेष कार्य बल के नियोक्ता अधिकारियों या बाहर से मुठभेड़ में हत्याओं के दृष्टांत हासिल करने को कहा है. ऐसी मुठभेड़ें 20 से ज्यादा हैं.
आदेश के मुताबिक रिटायर जस्टिस एमबी शाह इन आरोपों की जांच करेंगे और तीन महीने में रिपोर्ट देंगे. यह फैसला पत्रकार वीजी वर्गीज और गीतकार जावेद अख्तर की याचिका पर सुनाया गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट में दायर अर्जी में यह आरोप लगाया गया है कि खासतौर पर अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाकर फर्जी मुठभेड़ की गईं. इस सिलसिले में दायर दो याचिकाओें में एक जाने माने पत्रकार बीजी वर्गीस ने 2003 से 2006 के बीच हुए 21 फर्जी एनकाउंटरों की जांच की मागं की है तो दूसरी अर्जी में जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर की तरफ से दाखिल हुई है जिसमें उन्होनें बेगुनाह मुसलमानों को आतंकवादी बताकर मारे जाने का आरोप लगाते हुए एसआईटी से जांच की मांग की है.
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