निजी प्रैक्टिस और जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर जाने की चेतावनी के खिलाफ बिहार के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के बयान पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) ने जहां तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की बिहार शाखा ने भी इसकी अलोचना की है। चौबे ने कहा था कि निजी प्रैक्टिस करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की धमकियों पर उन्होंने कहा था कि सरकार उन्हें सुविधा देना जानती है तो उनके हाथ काटना भी जानती है। यदि उन्होंने चिकित्सा सेवा बाधित की तो उन्हें चिकित्सक बने नहीं रहने दिया जाएगा।
चौबे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जेडीए के डॉ़ धीरज कुमार ने कहा कि उनका तालिबानी बयान मानवता से परे है। ऐसे बयान देने वालों को मंत्रिमंडल में इतने बड़े विभाग का जिम्मा कैसे सौंपा गया है? पढ़े-लिखे व्यक्ति को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने यह सवाल भी किया कि हड़ताल की घोषणा के बाद ही सरकार को जूनियर डॉक्टरों की याद क्यों आती है? उधर, आईएमए की बिहार शाखा ने भी मंत्री के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए चेतावनी दी कि ऐसे बयान से हालात और बिगड़ेंगे। जेडीए ने वेतन वृद्घि की मांग को लेकर 30 जनवरी की रात से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। चौबे ने जन स्वास्थ्य चेतना यात्रा के दौरान शनिवार को उक्त बयान दिया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें