भारत ने सोमवार को नार्वे से कहा कि वह उन दो भारतीय बच्चों को वापस कर दे जिन्हें अपने माता-पिता से अलग करके, किसी अन्य को पालन-पोषण के लिए दिया गया है. स्थानीय अदालत के आदेश पर इन बच्चों की देखभाल की जा रही है. विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने नार्वे के अपने समकक्ष से बात की है.
कृष्णा ने बताया कि नार्वे के दूतावास में वरिष्ठ राजनयिक से बातचीत करने के बाद उन्हें आशा है कि इस समस्या का हल निकल जाएगा. उन्होंने कहा, "मैं उनसे तत्काल और सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने तथा यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि बच्चे अपनी माता-पिता के पास पहुंच जाएं. बच्चे भारतीय नागरिक हैं और बच्चों के हितों की रक्षा करना सरकार और उनके परिवार का न्यायोचित अधिकार है."
विदेश मंत्री कृष्णा ने नार्वे की सरकार को यह भी बता दिया है कि भारत का मजबूत संवैधानिक ढांचा है और बच्चों के हितों की रक्षा के लिए यहां संस्थागत व्यवस्था है. उल्लेखनीय है कि नार्वे के स्टावैंगर में रहने वाले प्रवासी भारतीय दंपति अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के तीन साल के बेटे अभिज्ञान तथा एक साल की बेटी ऐश्वर्या को पिछले वर्ष मई में इस अधार पर नार्वे के बाल कल्याण सेवा द्वारा संरक्षण में ले लिया गया था कि उनके माता-पिता बच्चों की देखभाल उचित तरीके से नहीं करते.
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