सीबीआई ने एम्मार-एपीआईआईसी टाउनशिप में कथित भ्रष्टाचार के मामले में आंध्र प्रदेश के गृह सचिव बी.पी. आचार्य को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें दो दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। आचार्य को सीबीआई के अधिकारियों ने दोपहर में गिरफ्तार किया। इससे पहले सुबह उन्हें पूछताछ के लिए दिलकुशा अतिथिगृह ले जाया गया था। जांच एजेंसी का शिविर कार्यालय इसी अतिथिगृह में है। अदालत द्वारा आचार्य को सीबीआई की हिरासत में भेज दिए जाने के बाद उनसे और पूछताछ के लिए फिर से अतिथिगृह में ले जाया गया।
1983 बैच के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी आचार्य उस वक्त आंध्र प्रदेश औद्योगिक आधारभूत संरचना निगम (एपीआईआईसी) के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक थे जब निगम ने दुबई स्थित रियल एस्टेट की कम्पनी एम्मार के साथ संयुक्त उपक्रम में अपनी हिस्सेदारी घटा ली थी। इससे राज्य के राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ था। आचार्य इस समय प्रधान सचिव (गृह) हैं। सीबीआई की ओर से जारी एक बयान के अनुसार आचार्य इस मामले में गिरफ्तार किए गए पहले अभियुक्त हैं। उन्हें धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र सहित भारतीय दंड संहित की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
जांच एजेंसी उन्हें इस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में दोबारा एक फरवरी को पेश करेगी। वह भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे आईएएस अधिकारी हैं। सीबीआई ने शनिवार को एम्मार हिल्स टाऊनशिप प्राइवेट लिमिटेड (ईएचटीपीएल) के मुख्य वित्तीय अधिकारी जी.जी.वी. विजय राघव को गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक व्यवसायी सुनील रेड्डी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था। वर्ष 2005 से 2009 के बीच एपीआईआईसी के प्रबंध निदेशक रहे आचार्य पर आरोप है कि उन्होंने एम्मार और इसकी भारतीय सहयोगी से मिलकर ईएचटीपीएल में एपीआईआईसी की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दी।
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