बिहार के विकास की कड़ी में उस समय एक और अध्याय जुड़ गया जब ग्रामीण विकास योजनाओं सहित महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की अन्य योजनाओं के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा का चयन किया गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इसके लिए नालंदा के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को सम्मानित करेंगे।
राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने जाने पर खुशी जताते हुए अग्रवाल ने कहा कि यह पुरस्कार न केवल व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि बिहार का भी सम्मान है। इस सम्मान में पूरी टीम का योगदान है, जिनकी मेहनत से जिला यहां तक पहुंच सका। बकौल अग्रवाल, ''नालंदा में पिछले दो वर्ष से सूखे की स्थिति थी, जिस पर कई कार्य किए गए। जिले में बरसात के पानी के संचयन के लिए पिछले दो वर्ष में 800 से ज्यादा आहर और पईन बनाए गए या उनका जीर्णेंद्धार किया गया। यही कारण है कि पिछले वर्ष नालंदा में कृषि के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई, जिससे क्षेत्र से लोगों का पलायन रुका।''
उन्होंने कहा कि नालंदा के मॉडल को देखने के लिए आज देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों से भी लोग यहां आ रहे हैं। नालंदा में मनरेगा में अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए भी कई कड़े कदम उठाए गए। इस सिलसिले में छह मुखिया और लोक सेवकों सहित 15 से ज्यादा लोगों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया गया। इसका प्रभाव अन्य पंचायतों पर भी पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कार्य सुचारु ढंग से चलने लगे हैं। वर्ष 2002 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अग्रवाल कहते हैं कि बिहार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आगे चल पड़ा है। भविष्य की उनकी योजनाओं में प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं स्वास्थ्य और शिक्षा।
बिहार के किशनगंज से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी कर पहले चार्टड अकाउंटेंट बने अग्रवाल राज्य को बचपन से ही तरक्की के रास्ते पर देखना चाहते थे। करीब दो वर्ष से नालंदा के जिलाधिकारी के रूप में कार्य कर रहे अग्रवाल इससे पहले जहानाबाद जिले के जिलाधिकारी के रूप में कार्य कर चुके हैं। जहानाबाद जिले के सदर प्रखंड के सिकरिया ग्राम पंचायत को विकास की राह पर लाकर इस पंचायत को मॉडल पंचायत का दर्जा दिलाना आज भी वहां के लोगों के लिए यादगार है। उल्लेखनीय है कि नालंदा राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाला बिहार का पहला जिला है। इस पुरस्कार के लिए चयनित होने वाले अन्य जिलों में छत्तीसगढ़ का सरगुजा, महाराष्ट्र का नांदेड़, अंड़मान एवं निकोबार का निकोबार, आंध्र प्रदेश का विजयनगरम और तमिलनाडु का कोयम्बटूर जिला है।
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