इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना के संचालक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। विवादास्पद एंट्रिक्स देवास करार में कथित भूमिका के चलते नायर को भविष्य में किसी भी सरकारी पद पर नियुक्त करने पर रोक लगा दी गई है। वह अपने साथियों से विदा लेने के लिए कल पटना में थे।
नायर ने बताया कि मुझे इस संबंध में कोई लिखित सरकारी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, फिर भी इस बारे में सार्वजनिक पटल पर बात सामने आने के बाद मैं इस पद पर नहीं बना रहना चाहता। सरकार द्वारा जब आठ नये आईआईटी स्थापित किये गये तो उनमें आईआईटी पटना को भी शामिल किया गया था। इसका स्थायी परिसर पटना से 25 किलोमीटर दूर बिहटा में बन रहा है।
सरकार के आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर नायर ने बताया कि उन्होंने एंट्रिक्स-देवास करार पर बीके चतुर्वेदी समिति की रिपोर्ट की प्रति के लिये सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया है। नायर ने कहा कि उन्होंने पूर्व सीवीसी प्रत्यूष सिन्हा के नेतृत्व वाले दल की रिपोर्ट की प्रति भी मांगी है। इसमें चतुर्वेदी समिति के निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। नायर ने कहा कि मैं तब तक कुछ भी नहीं कर सकता, जब तक कि मुझे आरटीआई के तहत सूचना नहीं मिलती।
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