एनसीटीसी पर अमल नहीं होगा :गृह मंत्रालय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

एनसीटीसी पर अमल नहीं होगा :गृह मंत्रालय


गृह मंत्रालय ने अंतत: एलान कर दिया कि राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) पर १ मार्च से अमल नहीं होगा। इस तरह पहली बार विपक्ष के दबाव में अपना फैसला बदला है। इस पर अब कोई भी निर्णय 10 मार्च के बाद ही होने की उम्मीद है। इससे पहले मंत्रालय इस मसले पर राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की बैठक बुलाकर उनकी राय हासिल करेगा ताकि विरोध करने वाले मुख्यमंत्रियों के साथ अगले दौर की वार्ता के पहले पूरी तैयारी कर सके। पहले इस केंद्र का काम 1 मार्च से शुरू होना प्रस्तावित था।

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अगली बैठक तक प्रस्तावित आतंकवाद रोधी संगठन के निदेशक के अलावा तीन संयुक्त निदेशकों की नियुक्तिको भी लंबित रखने का निर्णय किया गया है। चिदंबरम के एनसीटीसी का विरोध करने वाले 10 मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने के बाद मंत्रालय ने पुलिस महानिदेशकों की बैठक तक इस मामले पर कोई भी अगला कदम नहीं उठाने का निर्णय किया है।

एक अधिकारी ने कहा कि जल्द ही केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह सभी पुलिस महानिदेशकों को इस बैठक के लिए आमंत्रित करने वाले हैं। हालांकि मंत्रालय यह बैठक जल्द बुलाने का प्रयास कर रहा था लेकिन 6 मार्च को पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आ रहे हैं और 8 मार्च को होली है इसलिए बैठक 10 मार्च तक बुलाने का प्रयास किया जा रहा है।

चिदंबरम ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने पत्र में भी इस बैठक का उल्लेख किया था। यही नहीं, उन्होंने एनसीटीसी के गठन से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण के सवाल पर भी अपनी ओर से स्थिति साफ करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा था गैर-कानूनी गतिविधि कानून की धाराओं के तहत भले ही एनसीटीसी को स्थिति के अनुरूप तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार दिया जा रहा है लेकिन इसके साथ राज्यों के अधिकार में दखलंदाजी न करने वाला नियम भी काम करेगा।

एनसीटीसी को ऐसी किसी भी तलाशी में प्राप्त सामान-दस्तावेज और गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर नजदीकी पुलिस थाने में पेश करना होगा जिससे वहां का थाना प्रभारी अगली कानूनी कार्रवाई कर पाए। चिदंबरम ने पत्र में कहा था कि यह थाना राज्य सरकार के अधीन ही होता है।

कोई टिप्पणी नहीं: