कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने गुरुवार को एक विवादित बयान देकर सियासत गरमा दी है। जायसवाल ने धमकाने के अंदाज में कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला, तो राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी इससे मिलता-जुलता बयान दे चुके हैं।
जायसवाल के इस बयान पर समाजवादी पार्टी, बीएसपी और बीजेपी ने इसकी तीखी आलोचना की है। एसपी के प्रवक्ता राम गोपाल यादव ने कहा कि यूपी चुनाव में उनकी पार्टी दो-तिहाई बहुमत लाकर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जायसवाल के बयान की शिकायत चुनाव आयोग से करेगी। बीएसपी ने जायसवाल के बयान को हताशा और निराशा के चलते दिया गया बयान बताया है। बीजेपी लीडर उमा भारती ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस को आज एक भी वोट नहीं मिलना चाहिए।
कानपुर में मतदान करने के बाद जायसवाल ने कहा, 'चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले होंगे। हर चरण में जो 15 फीसदी बढ़कर मतदान हो रहा है, यह खासतौर पर युवा मतदाताओं के वोट डालने का नतीजा है, जो केवल और केवल कांग्रेस के पक्ष में जा रहा है। युवा कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से प्रभावित होकर ही वोट डालने जा रहे हैं।'
चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत न मिलने पर कांग्रेस क्या रुख होगा, इस सवाल पर जायसवाल ने कहा, 'कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने जा रहा है। अगर हमारे नंबर कुछ कम पड़ते हैं तो सिवाय राष्ट्रपति शासन लागू होने के और कोई विकल्प नहीं होगा।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, इस पर जायसवाल ने कहा, 'अगर कांग्रेस आलाकमान और कांग्रेस विधान मंडल दल इस तरह का फैसला लेता है, तो मुख्यमंत्री पद लेना मेरी बाध्यता होगी।'
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