केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए मिली जमीन. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 27 मार्च 2012

केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए मिली जमीन.


बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थायी परिसर स्थापित करने करने के लिए केंद्र सरकार को गया में रक्षा मंत्रालय से जमीन मिल गयी है। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश अभी भी मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग पर अड़े हुए हैं। 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गया में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए रक्षा मंत्रालय की करीब 300 एकड़ जमीन मिल गई है।
उन्होंने कहा कि चूंकी जमीन रक्षा मंत्रालय की है, इसलिए अन्य सुविधाओं के लिए बाह्य निर्भरता कम हो जायेगी। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल अभी भी राज्य सरकार के साथ सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने इस मामले में एक बार फिर दो दिन पहले सिब्बल को पत्र लिखकर मोतीहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग को दोहराया। लेकिन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उन्हें प्रेस से इसके बारे में जानकारी मिली है, मंत्रालय को कोई पत्र नहीं मिला है।  बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने भी कहा कि उन्हें इस बात की सूचना मिली है कि विश्वविद्यालय के लिए गया में जमीन मिल गयी है। इस विषय पर दोनों मंत्रालयों (मानव संसाधन विकास और रक्षा मंत्रालय) के बीच सहमति बन गई है। गौरतलब है कि बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किये जाने का प्रश्न केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच दो वर्षों से पत्राचार में उलझकर रह गया है। इस बात पर सहमति नहीं बनी है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी, पटना या गया में कहां स्थापित हो।

सिब्बल ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर जोर दिया था कि, बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए ऐसे स्थान को चुना जाना चाहिए जो वायुमार्ग एवं अन्य यातायात सम्पर्क से जुड़े होने के साथ वास्तविक और सामाजिक आधारभूत संरचना से परिपूर्ण हो। नीतीश कुमार को लिखे पत्र में सिब्बल ने कहा कि गया इन मापदंडों को पूरा करता हैं। ताजा पत्र से पहले नीतीश कुमार ने 29 फरवरी 2012 को सिब्बल को पत्र लिखकर मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने पर जोर देते हुए गया में विश्वविद्यालय स्थापित करने के मंत्रालय के निर्णय का विरोध किया था।

केंद्र की प्रारंभिक शिक्षा योजना को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार के योगदान की प्रशंसा करते हुए सिब्बल ने नीतीश के पत्र के जबाव में लिखा था, मैं मोतिहारी के लोगों के लिए एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की अपकी वचनवद्धता को पूरा करने में प्रदेश सरकार को सहायता देने का प्रस्ताव करता हूं। लेकिन जहां तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का प्रश्न है़, मोतिहारी न तो शहरी आबादी के पास है और न ही इस प्रयोजन को पूरा करने मददगार होगा। 

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा था, गया के पाचनपुर में प्रस्तावित स्थान क्षेत्र की बाहरी आबादी के निकट है। यह अंतरराष्ट्रीय महत्व का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है जो गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। सिब्बल ने खेद जताया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए मोतिहारी के अलावा कोई और विकल्प नहीं बताया है। मंत्री ने नीतीश से गया में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए कहा कि बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय को अपने वर्तमान अस्थाई परिसर से बदलने का दबाव है। हमने पहले ही उचित स्थान की पहचान करने में कुछ वर्ष गवां दिए है। हमें बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के राष्ट्रीय कार्य में सहयोग करना चाहिए।

सिब्बल ने बिहार के मुख्यमंत्री की उन शिकायतों को निर्मूल बताया जिसमें उन्होंने केरल, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार आदि राज्यों में विश्वविद्यालय स्थापित करने में अलग अलग मापदंडों का प्रयोग करने की बात कही थी। सिब्बल ने अपने पत्र में कहा था कि तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक को उपयुक्त स्थान पर केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित नहीं होने की वजह से गुणवत्तापूर्ण शिक्षक संकाय को आकर्षित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया में इस पर प्रतिकूल टिप्पणी हुई है। इसलिए केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए सर्वाधिक उत्तम स्थान की पहचान करने के लिए सर्वसम्मति से यह निर्णय किया गया कि ऐसे स्थान का चयन किया जाए जिससे इसे शुरूआत में कोई हानि नहीं हो।

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा था कि झारखंड ने राजधानी रांची के पास केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन दी है। प्रारंभिक पेशकश नहीं स्वीकार होने के बाद गुजरात ने भी राजधानी गांधीनगर में भूमि की पेशकश की है। हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर धर्मशाला में है जो शीतकालीन राजधानी है। केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय मंगलौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 55 किलोमीटर की दूरी पर है और राष्ट्रीय राजमार्ग के पास स्थित है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जम्मू से 40 किलोमीटर दूर साम्बा में भूमि की पेशकश की है।

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