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गुरुवार, 29 मार्च 2012

बहुगुणा सरकार ने विश्वास मत जीता.


उत्तराखंड में विजय बहुगुणा सरकार ने बृहस्पतिवार को विपक्षी भाजपा के बहिष्कार के बीच विधानसभा में बहुमत सिद्ध कर दिया। 70 सीटों वाली विधानसभा में सरकार के समर्थन में 39 विधायक थे।

राज्य विधानसभा में आज जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपनी सरकार द्वारा सदन में बहुमत सिद्ध करने का एक पंक्ति का प्रस्ताव पेश किया लेकिन भाजपा सदस्यों ने मांग की कि इस प्रस्ताव पर गुप्त मतदान कराया जाए।

बहुगुणा ने कहा कि विपक्षी सदस्य पिछले दो दिनों से यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास अपेक्षित बहुमत नहीं है जबकि विधानसभा अध्यक्ष चुनाव में जीतकर उनकी सरकार ने साबित कर दिया है कि उनके पास पर्याप्त बहुमत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार संसदीय परंपराओं और मर्यादाओं का पूरा-पूरा पालन करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से आग्रह किया कि वह सदस्यों की गिनती कराएं।

बहुगुणा ने जब विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल से आग्रह किया कि वह उनके प्रस्ताव पर मत विभाजन कराएं तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर गुप्त मतदान कराने की मांग शुरू कर दी। इस मांग को कुंजवाल ने ठुकराते हुए मत विभाजन कराया। उन्होंने सरकार के पक्ष के सदस्यों से अपने स्थान पर खडे़ होने का आग्रह करते हुए उन्हें विश्वासमत के प्रस्ताव पर हाथ खड़े करने को कहा।

कांग्रेस के सभी 31 सदस्यों [विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर] के अतिरिक्त बहुजन समाज पार्टी के तीन, उत्तराखंड क्रांति दल के एक, तीन निर्दलीय तथा एक मनोनीत सदस्य आर वी गार्डनर ने सरकार के पक्ष में हाथ खड़े किए। विपक्षी सदस्यों ने विश्वासमत हासिल करने की इस प्रक्रिया के विरोध में सदन से वाकआउट किया और इसे लोकतंत्र विरोधी प्रक्रिया करार दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में भाजपा सदस्यों ने कल सदन की कार्यवाही बाधित करते हुए सरकार से मांग की थी कि वह सदन में अपना बहुमत साबित करे। सदस्यों ने कहा था कि सरकार बहुमत के लिए अलग से प्रस्ताव नहीं लाकर संसदीय परम्पराओं को खुला उल्लंघन कर रही है। सरकार को यह विश्वास ही नहीं है कि उसे सदन में बहुमत प्राप्त है। 

भाजपा के पांच विधायकों बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक, बंशीधर भगत, हरबंस कपूर तथा रमेश पोखरियाल निशंक ने कल राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मार्गेरेट अल्वा को एक ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध भी दर्ज किया था। भाजपा विधायक अजय भट्ट ने आज कहा कि सरकार को गुप्त मतदान के माध्यम से बहुमत हासिल करना चाहिए। यह संसदीय परंपरा का उल्लंघन है। उन लोगाें ने राज्यपाल मार्गेरेट अल्वा से कल अनुरोध किया था कि वह सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें। भट्ट ने कहा कि सरकार ने गुप्त मतदान की मांग स्वीकार नहीं कर असंवैधानिक कार्य किया है। उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी।

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