सेना की मौजूदा हालत संतोषजनक नहीं. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 28 मार्च 2012

सेना की मौजूदा हालत संतोषजनक नहीं.


सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा है कि देश की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है। जनरल वीके सिंह ने पीएम को पांच पेज की चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा गया है कि सेना के टैंक का गोला-बारूद खत्म हो चुका है। हवाई सुरक्षा के उपकरण अपनी ताकत खो चुके हैं। पैदल सेना के पास हथियारों तक की कमी है।

सेनाध्यक्ष जनरल सिंह ने सेना की खस्ता हालत के बारे में 12 मार्च को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पांच पेज की चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा गया है कि हमारी तमाम कोशिशों और रक्षा मंत्रालय के निर्देशों के बावजूद तैयारियां नहीं दिख रही हैं। हवाई सुरक्षा के उपकरण अपनी ताकत खो चुके हैं।

 31 मई को सेना प्रमुख जनरल सिंह रिटायर होने जा रहे और उम्र विवाद के बाद से विवादों में हैं। उन्होंने लिखा है कि मैं यह सूचित करने को विवश हूं कि सेना की मौजूदा हालत संतोषजनक नहीं है। 'खोखलेपन' की स्थिति से बहुत ज्यादा स्पष्ट अंतर नहीं दिख रहा है। सेना की खामियां जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है। दो विरोधी पड़ोसियों की वजह से देश की सुरक्षा सेना की क्षमताओं से जुड़ी है। इस वजह से सेना की खामियों को तत्काल प्रभाव से दूर करने की जरूरत है।

सेनाध्यक्ष ने लिखा है कि प्रमुख हथियारों की हालत भयावह है। इनमें मैकेनाइज्ड फोर्सेस, तोपखाने, हवाई सुरक्षा, पैदल सेना और विशेष फोर्सेस के साथ ही इंजीनियर्स और सिग्नल्स शामिल हैं। चिट्ठी में और भी कुछ मुद्दों को उठाया गया है। आईटीबीपी के संचालन का अधिकार सेना को चाहिए। सेना में हवाई बेड़े की जरूरतों को पूरा किया जाए। चीन उत्तरी सीमा पर बड़ी तेजी से विकास कार्य कर रहा है। ऐसे में राज्यों से सिंगल विंडो क्लीयरेंस के तहत बुनियादी विकास की अनुमति दिलवाई जाए। चिट्ठी में लिखा है कि दुश्मन को शिकस्त देने के लिए टैंक के बेड़े के पास गोला-बारूद खत्म होने के कगार पर है। तोपखाने में फ्यूज नहीं, अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर में खरीदी व कानूनी प्रक्रिया का अड़ंग़ा। हवाई सुरक्षा के 97 फीसदी उपकरण बेकार, हवाई हमले से बचाने का भरोसा नहीं है। रात में लडऩे की क्षमता भी नहीं रही। विशेष फोर्सेस के पास जरूरी हथियार नहीं, युद्ध में काम आने वाले पैराशूट्स भी खत्म हो गए हैं।

सेना की निगरानी में बड़े स्तर पर खामियां, यूएवी और निगरानी के लिए जरूरी रडार नहीं है। एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल्स की मौजूदा उत्पादन क्षमता और उपलब्धता बेहद कम है। लंबी दूरी तक मार करने वाले तोपखाने में वेक्टर्स (पिनाका व स्मर्च रॉकेट सिस्टम) का अभाव है। जनरल सिंह का ये खुलासा देश को सचेत करने वाला है। जनरल सिंह की चिट्ठी के मुताबिक सेना के पास हथियार और साज-ओ-सामान समेत कई चीजों की कमी है।  पत्र में सेना के सामने मौजूद इन चुनौतियों का जिक्र किया गया है।

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