केजरीवाल अपने रुख पर अडिग. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 30 मार्च 2012

केजरीवाल अपने रुख पर अडिग.


अवमानना के आरोप में भेजे गए नोटिस के जवाब में भी अरविंद केजरीवाल अपने पुराने रुख पर अडिग हैं। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने संसद का अपमान नहीं किया है, बल्कि संसद के अंदर बैठने वाले लोग लगातार संसद का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह संसद का सम्मान करते हैं, परंतु दागी 162 सांसदों के प्रति सम्मान नहीं प्रकट कर सकते।

संसद में पारित निंदा प्रस्ताव पर राज्यसभा सचिवालय को भेजे गए अपने जवाब में केजरीवाल ने कहा कि मैंने अपने शब्दों या किसी काम से संसद का अपमान नहीं किया है। उन्होंने कहा, ' मैं ससंद को लोकतंत्र के मंदिर की तरह मानता हूं और मुझे इस बात का काफी दुख है कि इसके अंदर बैठने वाले लोग ही अपनी हरकतों और कार्यों से अक्सर इस मंदिर का अपमान करते रहते हैं। कई घटनाएं भी इस बात को साबित कर चुकी हैं कि संसद का अपमान बाहर के लोग नहीं बल्कि संसद के अंदर बैठे लोग ही कर रहे हैं। '

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल की एक टिप्पणी पर राज्यसभा सदस्य राजनीति प्रसाद और प्रोफेसर रामकृपाल यादव ने संसद के अपमान का आरोप लगाते हुए उन्हें नोटिस भिजवाया है। केजरीवाल ने कहा, ' मैं संसद का सम्मान करता हूं और कई अच्छे सांसदों का भी सम्मान करता हूं, लेकिन कुछ सांसदों के बारे में मैं यह नहीं कह सकता। संसद में आज कुछ लोग तो ऐसे हैं, जिन्हें लोग अपने घर बुलाने से भी कतराएं। ऐसे लोग जब संसद में बैठे हों, तो उसका सम्मान कैसे किया जाए ?' अपने बयान में उन्होंने बताया कि लोकसभा के अंदर इस समय 162 सांसद ऐसे हैं, जिन पर 522 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसद की छवि खराब करने के लिए सभी पार्टियां जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने पिछले (2009 के) लोकसभा चुनावों में ऐसे लोगों को बढ़-चढ़ कर टिकट दिया। उन्होंने बताया कि 2004 के चुनावों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 128 सदस्य लोकसभा में थे जबकि 2009 में इनकी संख्या बढ़कर 162 हो गई। 

दागी नेताओं के बारे में टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने हालिया रिलीज़ फिल्म पान सिंह तोमर के डायलॉग का जिक्र कया और कहा कि जब फिल्म का हीरो पर्दे पर कहता है कि बीहड़ में बागी रहते हैं, डाकू तो संसद में रहते हैं। उन्होंने कहा जब इस तरह के डायलॉग पर लोग तालियां बजाते हैं, तो हमें हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि आज हमारी संसद की यही छवि है। 

29 दिसंबर 2011 को संसद में चर्चा के दौरान लोकपाल बिल फाड़ने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब सांसद राजनीति प्रसाद ने मंत्री जी के हाथ से बिल छीनकर फाड़ दिया क्या तब संसद अपमानित नहीं हुई? इस घटना को बाकी सांसद बैठकर चुपचाप देखते रहे क्या तब संसद का अपमान नहीं हुआ? जब संसद में कुर्सियां फेंकी जाती हैं, माइक उखाड़कर फेंके जाते हैं, तब क्या संसद की गरिमा बनी रहती है? 

केजरीवाल ने कहा, 'मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा था। मैंने सिर्फ जनता के प्रश्नों को उठाया था। अगर आपके कानून की नज़र में मैं दोषी हूं तो मैं उस कानून के तहत सजा भुगतने के लिए तैयार हूं। मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी बात कहने का मौका चाहता हूं।'

कोई टिप्पणी नहीं: