बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने के अपने सरकार के प्रस्ताव के पक्ष में दलील देते हुए कहा है कि हमारी यह मांग वहां एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की हमारी वचनबद्धता मात्र नहीं है वरन इसका उद्देश्य राज्य का समावेशी विकास और राज्य की जन भावना से जुड़ा हुआ है।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को गत 22 मार्च को लिखे एक पत्र में उनसे मोतिहारी को लेकर पूर्वाग्रह छोड़ने का आग्रह करते हुए नीतीश ने कहा है कि मैं स्तब्ध हूं कि बापू को नमन करने और राज्य के समावेशी विकास की हमारी सोच को आप हमारे असहयोग के रूप में देख रहे हैं और हमारे प्रयास को अविश्वास और राजनीति के दायरे में रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि आपके द्वारा विभिन्न राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता उनकी स्थिति पर निर्भर करती है और स्थलों की गुणवत्ता इनके हवाई मार्ग से जुड़ाव मात्र पर है।
नीतीश ने कहा कि मोतिहारी एक जिला मुख्यालय है और बिहार के प्रमुख व्यावसायिक नगर मुजफ्फरपुर से मात्र 80 किलोमीटर और भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा रक्सौल-वजीरगंज से 40 किलोमीटर की दूरी पर है।
उन्होंने कहा कि मोतिहारी द्रुत रेल एवं सड़क मार्ग से देश के हर कोने से जुड़ा हुआ है और राष्ट्रपिता द्वारा प्रथम बार सफल सत्याग्रह यहीं किया गया था।
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