प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की लोकपाल विधेयक पर चर्चा के लिए आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। बैठक में राज्यसभा के सभी पार्टियों के लीडर्स ने शिरकत की। बिल लोकसभा से पास हो चुका है और राज्यसभा में इस पर बहस हो चुकी है। ये बैठक राजनीतिक दलों में आपसी सहमति बनाने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में फिलहाल कोई सहमति नहीं बन पाई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि लोकपाल विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।
सर्वदलीय बैठक 7आरसीआर पर हुई। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बैठक में कहा कि हमारी सरकार मजबूत लोकपाल कानून बनाएगी। बैठक में बीजेपी सांसद अरुण जेटली, बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्र, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम, एचआरडी मंत्री कपिल सिब्बल, एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान, वाम दल के सीताराम येचुरी, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, एनसीपी के तारिक अनवर मौजूद थे।
वामपंथी दल कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सीताराम येचुरी ने बताया कि लोकायुक्त और लोकपाल की नियुक्ति पर चर्चा हुई। राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि लोकपाल लोकतांत्रिक होना चाहिए। लोकपाल के दायरे में कॉरपोरेट, विदेशी एनजीओ को भी शामिल करना चाहिए। गौरतलब है कि बीजेपी ने सरकार पर इस मसले पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया था तो कांग्रेस इस बैठक को आम सहमति बनाने की कोशिश कह रही थी। सरकार पहले भी इस मुद्दे पर दो बार सर्वदलीय बैठक बुला चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। इन बैठकों के बाद भी सरकार राज्यसभा में इस बिल को पास नहीं करवा पाई। खासतौर पर सीबीआई की स्वायत्तता, लोकपाल को हटाने का प्रावधान, राज्य में लोकायुक्तों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें