भारत परमाणु आतंकवाद के प्रति सतर्क:पी. एम्. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 27 मार्च 2012

भारत परमाणु आतंकवाद के प्रति सतर्क:पी. एम्.


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चेतावनी दी है कि परमाणु आतंकवाद तब तक बड़ा खतरा बना रहेगा जब तक आतंकवादी परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकी तक अपनी पहुंच बनाने की ताक में रहेंगे। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु सुरक्षा की सबसे बेहतर गारंटी यही हो सकती है कि दुनिया ऐसे हथियारों से मुक्त हो।
    
द्वितीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आज कहा भारत इस खतरे के प्रति बेहद सतर्क है। उन्होंने कहा कि जनसंहार के हथियारों तक आतंकवादियों को पहुंच कायम करने से महरूम रखने के लिए भारत की ओर से लाया गया प्रस्ताव साल 2002 से ही एकमत से स्वीकार कर लिया गया था। सिंह ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1540 और इसकी समिति के कार्यों को अपना समर्थन दिया था। इस प्रस्ताव में सरकार से इतर तत्वों तक रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी एवं परमाणु हथियारों की पहुंच के खिलाफ कानूनी और विनियामक उपायों को अमली जामा पहनाने के प्रावधान हैं।
    
प्रधानमंत्री ने कहा परमाणु आतंकवाद का खतरा तब तक कायम रहेगा जब तक दुर्भावनापूर्ण मकसद से परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकी तक पहुंच हासिल करने की ताक में बैठे दहशतगर्द मौजूद हैं। सिंह ने कहा कि परमाणु सुरक्षा के लिए सबसे बेहतर गारंटी तो यही है कि दुनिया परमाणु हथियारों से मुक्त हो। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ओर से करीब 25 साल पहले लाए गए उस एक्शन-प्लान का जिक्र किया जिसमें एक तय समयसीमा के भीतर वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण का प्रावधन था। दिवंगत राजीव गांधी की ओर से पेश किए गए उस एक्शन प्लान के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा यह अब भी सबसे विस्तृत और व्यापक प्रस्ताव है जिससे इस मकसद को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परमाणु सुरक्षा पर प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रावधानों में भारत एक पक्ष रहा है जिसमें भौतिक सुरक्षा पर आयोजित सम्मेलन और 2005 में हुआ इससे जुड़ा संशोधन शामिल है। इसके अलावा परमाणु आतंकवाद के कत्यों को हतोत्साहित करने के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी भारत भागीदार रहा है। हम इनके सार्वभौमीकरण का समर्थन करते हैं।
    
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन प्रक्रिया में सक्रियता से योगदान किया है जिसमें जनवरी महीने में नयी दिल्ली में शेरपा बैठक की मेजबानी भी शामिल है। उन्होंने कहा परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया का लक्ष्य हासिल करने के लिए विश्व को एक सहमतिपूर्ण बहुपक्षीय खाके में शामिल प्रतिबद्धताओं की जरूरत है जिसमें परमाणु हथियार संपन्न देश भी शामिल हों।  इसके लिए सुरक्षा सिद्धांतों  में  परमाणु हथियारों के उभार को घटाकर परमाणु खतरे में कमी लाने और परमाणु हथियार पहले इस्तेमाल किए जाने पर अवरोधकों को बढ़ा देने के उपाय भी शामिल होने चाहिए।  

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