बिना बिजली के बिहार की बिजली और महगी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 31 मार्च 2012

बिना बिजली के बिहार की बिजली और महगी.


बिहार के लोगों पर महंगाई की एक और मार पड़ने वाली है। राज्य के शहरी इलाकों में एक अप्रैल से विद्युत शुल्क की दरें बढ़ जाएंगी। इसमें औसतन 12 प्रतिशत की वृद्घि की गई हैं। शुल्क वृद्घि से बिजली बोर्ड को 348 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है। राहत की बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में यह वृद्घि लागू नहीं होगी।  बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष यू़ एऩ पंजियार ने शनिवार को बताया कि घरेलू दरों में 10 से 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। बिजली बोर्ड ने आयोग को मौजूदा शुल्क में 50 प्रतिशत तक की वृद्घि का प्रस्ताव भेजा था। उन्होंने बताया कि कुटीर उद्योग, कृषि और अन्य ग्रामीण उपभोक्ताओं को इस वृद्धि से दूर रखा गया है। 

गौरतलब है कि पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत शुल्क में 25 से 75 प्रतिशत तक की वृद्घि की गई थी।  आयोग ने रेलवे की तरह बिजली में भी तत्काल योजना लागू की है। अब दोगुनी राशि देने पर निर्धारित अवधि से आधे समय में कनेक्शन देने की योजना शुरू की गई है। इसके तहत आवेदन शुल्क, कनेक्शन शुल्क एवं जमानत राशि दोगुना जमा करने पर 15 दिनों के अंदर कनेक्शन दिया जायेगा। इधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस वृद्घि को 'नीम पर चढ़ा करेला' बताया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि अब नीतीश सरकार ने राज्य के लोगों को दोहरी महंगाई का सामना करने के लिए झोंक दिया है। उन्होंने कहा कि एक तो बिहार में बिजली समस्या विकराल है और उसपर शुल्क बढ़ाना जनता के साथ सीधा अन्याय है।


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