प्रधानमन्त्री परमाणु सम्मलेन के लिए रवाना. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 24 मार्च 2012

प्रधानमन्त्री परमाणु सम्मलेन के लिए रवाना.


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को दक्षिण कोरिया रवाना हुए। माना जा रहा है कि अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान मनमोहन परमाणु आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करेंगे। 

सोल में हो रहे इस सम्मेलन में मनमोहन सिंह परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व को लेकर भारत के रुख को दोहराएंगे। इस सम्मेलन का मकसद परमाणु आतंकवाद से पैदा हुए खतरे को लेकर विभिन्न देशों का ध्यान खींचना है।

दक्षिण कोरिया रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, यह सभी के लिए निरंतर चिंता का विषय बना हुआ है। इस शिखर सम्मेलन में 45 राष्ट्र प्रमुखों के शामिल होने की उम्मीद हैं। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, रूस के निवर्तमान राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव और चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ प्रमुख हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी भी सोल पहुंच रहे हैं। इस्लामाबाद से आ रही खबरों के मुताबिक वह परमाणु सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया, फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के नेता भी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इनके अलावा 13 देशों के उप प्रधानमंत्री अथवा विदेश मंत्री इसमें मौजूद रहेंगे।

भारत के अपने परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों का विस्तार करने के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, परमाणु ऊर्जा के फायदों को लेकर जनता का समर्थन हासिल करने के क्रम में हमें लोगों को उच्च स्तर से यह सुनिश्चित करना होगा कि यह सुरक्षित है। बीते साल जापान के फुकुशिमा हादसे के बाद ऐसा करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने परमाणु सुरक्षा के संदर्भ में एक राष्ट्रीय रिपोर्ट तैयार की है, जिसे सम्मेलन के दौरान साझा किया जाएगा। विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा, इस शिखर सम्मेलन का मुख्य मकसद परमाणु आतंकवाद से पैदा हुए वैश्विक खतरे की ओर ध्यान खींचना और आतंकवादियों तथा उनका साथ देने वालों :नॉन स्टेट एक्टर्स: की परमाणु सामाग्री एवं तकनीकों तक पहुंच रोकने के लिए जरूरी कदम उठाना है।

इस सम्मेलन में शामिल होने के अलावा प्रधानमंत्री दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली मियुंग बाक और कुछ अन्य देशों के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं राष्ट्रपति ली के साथ अपनी द्विपक्षीय मुलाकात को लेकर आशावान हूं। इसमें दक्षिण कोरिया के साथ हमारे रिश्तों की व्यापक तौर पर समीक्षा करने के साथ ही आगे के नए कदमों को चिन्हित किया जाएगा। दक्षिण कोरिया को एक रणनीतिक साझेदार एवं भारत की पूर्व की ओर देखो (लुक ईस्ट) नीति का एक प्रमुख स्तंभ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों मुल्कों के बीच व्यापक स्तर पर व्यापार एवं निवेश के रिश्ते हैं और इनके अलावा विज्ञान एवं तकनीक, शिक्षा तथा ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बहुत संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच जनसंपर्क को मजबूत बनाने, सहयोग को बढ़ाने तथा क्षेत्रीय सुरक्षा एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों से जुड़े मामलों पर वैचारिक सहयोग को लेकर बातचीत करेंगे।

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