अलगाववादी नेताओं को किया नजरबंद. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

अलगाववादी नेताओं को किया नजरबंद.


जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सेना के साथ मुठभेड़ में एक युवक की मौत के बाद विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से शुक्रवार को सभी बड़े अलगाववादी नेताओं को नजरबंद रखा गया।  

हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली गिलानी और नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारुख ने शुक्रवार की नमाज के बाद मंगलवार को 19 वर्षीय हिलाल अहमद डार के मारे जाने की निंदा करने का आह्वान किया था। हिलाल बांदीपोरा क्षेत्र में सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। इसके अलावा जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के यासीन मलिक ने श्रीनगर में शुक्रवार की नमाज के बाद संयुक्त राष्ट्र भारत एवं पाकिस्तान पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) के मुख्यालय तक मार्च निकालने का आह्वान किया था।

इन अलगाववादी नेताओं को प्रदर्शनों की अगुवाई करने से रोकने के लिए उनके घरों के बाहर स्थानीय पुलिस व अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। एक अन्य अलगाववादी नेता मुहम्मद नईम खान को घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए उनके घर के बाहर भी जवान तैनात किए गए हैं।

बांदीपोरा के अलूसा गांव में सेना के साथ मुठभेड़ के दौरान हिलाल मारा गया था। उसके परिवार वालों व ग्रामीणों का कहना है कि वह निर्दोष है और जब वह मस्जिद से बाहर निकल रहा था तब उसे गोली मारी गई।
वहीं सेना का कहना है कि वह एक सशस्त्र आतंकवादी था और सेना व आतंकवादियों के समूह के बीच हुई गोलीबारी के बाद उसके पास से एक हथियार भी बरामद हुआ था। सेना की श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के लेफ्टिनेंट जनरल ओम प्रकाश ने गुरुवार को मामले में जांच से इंकार कर दिया था लेकिन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने युवक की हत्या की जांच के आदेश दिए हैं। गिलानी ने इस घटना के विरोध में शनिवार को घाटी में पूर्ण बंद का आह्वान भी किया है। 

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