जीसैट-10 सफलतापूर्वक प्रक्षेपण. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 29 सितंबर 2012

जीसैट-10 सफलतापूर्वक प्रक्षेपण.


भारत के अत्याधुनिक संचार उपग्रह जीसैट-10 को शनिवार तड़के फ्रेंच गुयाना से यूरोपीय उपग्रह प्रक्षेपण रॉकेट एरियन-5 के ज़रिये अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया. जीसैट-10 करीब 15 साल तक काम करेगा और यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे भारी उपग्रह है, जिसका वजन 3,400 किलोग्राम है. इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बनाया है, जिसका मुख्यालय बेंगलूर में है. 

यह इसरो का 101वां अंतरिक्ष मिशन था. इसके नवंबर में काम शुरू कर देने की उम्मीद है. इससे दूरसंचार, ‘डायरेक्ट टू होम’ (डीटूएच) और रेडियो नेविगेशन सेवाओं में और वृद्धि होगी. एरियनस्पेस के भारी उपग्रह प्रक्षेपित करने में सक्षम रॉकेट एरियन-5 ईसीए दक्षिण अमेरिका में फ्रेंच गुयाना स्थित लांच पैड से जीसैट-10 को लेकर रात दो बजकर 48 मिनट पर रवाना हुआ और करीब 30 मिनट बाद यह प्रक्षेपित हो गया. इसके पहले उसने अपने साथ ले जा गए यूरोपीय उपग्रह एएसटीआरए 2एफ को उसकी कक्षा में छोड़ा. 

जीसैट-10 में 30 ट्रांसपोंडर (12केयू-बैंड, 12सी- बैंड और छह विस्तारित सी-बैंड) लगे हैं. इससे देश में ट्रांसपोंडरों की संख्या काफी बढ़ जायेगी. इस उपग्रह में नेविगेशन उपकरण-गगन-लगाया गया है, जो बेहतर जीपीएस संकेत मुहैया करायेगा जिसका इस्तेमाल भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण असैन्य विमानन ज़रूरतों को पूरा करने के लिये करेगा. उल्लेखनीय है कि गगन उपकरण के साथ इंसैट..जीसैट समूह का यह दूसरा उपग्रह है. इससे पहले मई 2011 में जीसैट-8 प्रक्षेपित किया गया था.

कोई टिप्पणी नहीं: