कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार को नेहरू-गांधी परिवार के नेतृत्व क्षमता की सराहना की और अपनी पार्टी के प्रमुख नितिन गडकरी पर वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए उनका उपहास किया। येदियुरप्पा ने कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना ऐसे मौके पर की है जब वह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य नेता हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित पार्टी की बैठक में भागीदारी कर रहे हैं।
येदियुरप्पा ने कहा, "पंडित नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक के कांग्रेस नेतृत्व में यह देखा गया है कि पार्टी नेताओं से किया गया वादा पूरा जाता है। यह एक बड़ी खूबी है।" उन्होंने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी के समय तक भाजपा में भी ऐसा ही था। लेकिन अब नहीं है।" दरअसल, येदियुरप्पा की नाराजगी इस बात को लेकर है कि दोबारा मुख्यमंत्री या राज्य भाजपा प्रमुख बनाने की उनकी मांग गडकरी व पार्टी के अन्य केंद्रीय नेता बार-बार ठुकराते रहे हैं।
येदियुरप्पा दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने थे। खनन पट्टा आवंटन में रिश्वत लेने का आरोप लगने के बाद जुलाई 2011 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने कहा कि गडकरी अपने भाषणों में बातें तो ऊंची-ऊंची करते हैं, लेकिन करते हैं उनके विपरीत।
सूरजकुंड में गडकरी के इस कथन का जिक्र करते हुए कि 'पार्टी व्यक्ति से बड़ी है' उन्होंने कहा कि उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा की जरूरत नहीं है। येदियुरप्पा ने यह संकेत देते हुए कि उन्होंने भाजपा छोड़ने का मन बना लिया है, कहा कि गडकरी पार्टी की राज्य इकाई में 'भ्रांति को बढ़ावा' दे रहे हैं। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी पर भी प्रहार करते हुए कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता वही करते हैं जैसा पार्टी महासचिव और बेंगलुरू दक्षिण सीट से लोकसभा सदस्य एच.एन. अनंत कुमार चाहते हैं।
1 टिप्पणी:
सही ही तो कह रहा है ! यदि सोनिया माता के दरबार में होता तो घोटाला करने के बाद भी आजतक बेशर्मों की तरह कुर्सी पर बैठा होता |
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