प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि आर्थिक सुधार एकबारगी और आखिरी बार की जाने वाली प्रक्रिया नहीं, बल्कि सतत प्रक्रिया है और यह किसी अन्य देश के दबाव में नहीं की जा रही है। राष्ट्रपति भवन में देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर के शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "सुधार हमेशा के लिए एक ही बार उठाया जाने वाला कदम नहीं है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के सहयोगी हाल में किए गए आर्थिक फैसलों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, "हम वही करेंगे जो देश के लिए अच्छा होगा।" विपक्षी दलों द्वारा ताजा आर्थिक सुधारों को अमेरिकी दबाव में लिया गया फैसला बताने पर प्रधानमंत्री ने कहा, "हम ऐसे देश नहीं हैं, जो अन्य देशों के इशारों पर चलते हैं।"
प्राकृतिक सम्पदा के आवंटन में नीलामी को एकमात्र सही तरीका मानने से इंकार करने की सर्वोच्च न्यायालय की राय पर प्रधानमंत्री ने कहा, "हम फैसले का सम्मान करेंगे। हम इसका स्वागत करते हैं।" वित्तीय सुधार पर केलकर समिति की रपट पर उन्होंने कहा कि इसे वेबसाइट पर डाल दिया गया है। विवादास्पद मुद्दों पर मनमोहन सिंह ने कहा, "हम चुनाव से काफी दूर हैं। हम किसी भी विषय पर बात कर सकते हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें किसी भी बात की कड़ुवाहट नहीं है।
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