विवादास्पद 3600 करोड़ रुपए के हेलीकॉप्टर सौदे को रद्द करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए रक्षा मंत्री एके एंटनी ने बुधवार को कहा कि अगस्तावेस्टलैंड ने वायुसेना को 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति करने के लिए किए गए करार का उल्लंघन किया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कंपनी को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बारे में पूछे जाने पर एंटनी ने कहा कि उन्होंने (अगस्तावेस्टलैंड) अनुबंध का उल्लंघन किया है। हमने अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कानून के अनुसार आगे बढ़ना होगा और अब अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हमने उत्तर देने के लिए उन्हें 21 दिन का समय दिया है।
रक्षा मंत्रालय ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए अगस्तावेस्टलैंड को 21 अक्टूबर को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया था और एंग्लो इतालवी कंपनी से यह बताने को कहा था कि 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद के अनुबंध और गोपनीयता समझौते से पूर्व की सहमति की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए उसके खिलाफ क्यों न अनुबंध रद्द करने समेत बताई गई सभी या कोई कार्रवाई की जाए।
महाधिवक्ता ने रक्षा मंत्रालय को पहले ही अपनी राय दे दी है कि कंपनी ने अनुबंध की शर्तों और गोपनीय समझौते का उल्लंघन किया है। सरकार ने पहले ही 360 करोड़ रुपए की रिश्वत दिए जाने के आरोप सामने आने के बाद वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीवीआई हेलीकॉप्टर की आपूर्ति करने के लिए किए गए अनुबंध पर रोक लगा दी है। रिश्वतखोरी के इस मामले में कंपनी के दो शीर्ष अधिकारी आरोपी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या एचएएल और डसॉल्ट ऐविएशन के बीच के मसलों के कारण कई अरब डॉलर की बहुउपयोगी लड़ाकू विमान परियोजना में देरी हो रही है, रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बात नहीं है। बात यह है कि अनुबंध को लेकर बातचीत जारी है। सरकार इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि कई स्तर पर जांच की जाती है और इसके लिए चार-पांच प्रक्रियाएं हैं। एंटनी ने कहा कि मैं इसके लिए एक अंतिम समय सीमा कैसे निर्धारित कर सकता हूं। प्रक्रिया जारी है और मैं समय सीमा कैसे तय कर सकता हूं।
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