राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सिफारिश की है कि मणिपुर सरकार इरोम शर्मिला पर आयद 'भेदभावकारी प्रतिबंध' अविलंब हटाए। राज्य में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम खत्म करने की मांग को लेकर शर्मिला वर्ष 2000 से ही भूखहड़ताल कर रही हैं। यह जानकारी बुधवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई है।
आयोग ने एक संदेश में राज्य के मुख्य सचिव से कहा है कि न्यायिक हिरासत के दौरान अन्य लोगों को जिस तरह की सुविधा मिलती है उसी तरह शर्मिला को भी मुलाकातियों से मिलने की अनुमति अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। शर्मिला ने जैसे ही अपनी भूखहड़ताल शुरू की वैसे ही मणिपुर सरकार ने उसे गिरफ्तार कर लिया और तभी से ही वह हिरासत में हैं जहां उन्हें जबरन खाना खिलाया जाता है।
एनएचआरसी ने 6 दिसंबर तक अपनी सिफारिशों पर उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट तलब की है। राज्य सरकार द्वारा आयोग के विशेष प्रतिवेदक के रूप में एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक और संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक को शर्मिला से मुलाकात की अनुमति नहीं देने के बाद आयोग ने सिफारिश जारी की है।
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