केदारनाथ मंदिर को भविष्य में किसी तरह की प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए एएसआई ने मंदाकिनी नदी का रुख बदलने का सुझाव दिया है। दरअसल जून में आई आपदा के बाद से नदी की तलहटी जमीन से भी ऊंची हो गई है।
जून में आई विनाशकारी बाढ के बाद मंदिर के जीणोर्द्धार का काम एएसआई को सौंपा गया है, लेकिन इसमें मौसम लगातार मुश्किलें डाल रहा है। संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमार कटोच ने कहा कि जीणोर्द्धार के साथ ही भविष्य में मंदिर को किसी भी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रखने के भी उपाय किए जाएंगे।
कटोच ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ में नदी की तलहटी ऊंची हो गई है और ग्रामीण इलाके नीचे हो गए हैं। इसलिए हम नदी का रुख बदलने का सुझाव दे रहे हैं ताकि भविष्य में मंदिर को किसी प्राकृतिक आपदा की दशा में कोई नुकसान न हो। जीएसआई या वन विभाग सलाह देगा कि कैसे मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।' उन्होंने मंदिर के जीणोर्द्धार की समय सीमा तय करने से इनकार करते हुए कहा कि खराब मौसम के कारण बाहरी हिस्से का काम अगले साल ही शुरू हो सकेगा।उन्होंने कहा, 'जीएसआई ने हमें रिपोर्ट दी है और हमारा मानना है कि जब तक मंदिर की नींव की स्थिति का पता नहीं चलता, हम बाहर से काम शुरू नहीं कर सकतेष। ऐसे में हमने भीतर से काम शुरू कर दिया है जिसमें मंदिर की सफाई शामिल है। खराब मौसम के कारण काम मुश्किल हो गया है और फिलहाल कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती कि यह काम कब पूरा होगा।'
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