मतदान केन्द्रो के भवन का नाम परिवर्तन, क्रिटिकल मतदान केन्द्रों के निर्धारण हेतु नवीन दिशा निर्देश
निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान केन्द्र के भवन का नाम परिवर्तन और क्रिटिकल मतदान केन्द्र के निर्धारण हेतु नवीन दिशा निर्देश जारी किए गए निर्देशों का हवाला देते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एम0बी0ओझा ने बताया है कि यदि किसी मतदान केन्द्र की सूची की स्वीकृति के बाद किसी भवन का नाम परिवर्तित होता है तो जिस भवन में मतदान केन्द्र प्रस्तावित है उसकी जानकारी आयोग के साथ-साथ सभी राजनैतिक दलों और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को लिखित में ऐसे परिवर्तन की जानकारी देना अनिवार्य है। यदि किसी प्राथमिक शाला को उन्नयन कर माध्यमिक शाला या ऐसा कोई परिवर्तन किया गया है लेकिन मतदान केन्द्र की स्थिति में कोई बदलाव नही है तो इस संदर्भ में आयोग से पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नही है।
क्रिटिकल मतदान केन्द्र (संकटमय)
क्रिटिकल मतदान केन्द्र की पहचान हेतु निम्नलिखित विषय परक मानदण्डों के निर्देश आयोग द्वारा जारी किए गए है जिसमें मतदान केन्द्रवार इपिक (फोटो परिचय पत्र) वाले मतदाता और बिना फोटो परिचय पत्र वाले मतदाताओं की संख्या का विश्लेषण तथा मतदान केन्द्र का चयन बिना फोटोयुक्त पहचान पत्र वाले मतदाताओं की संख्या के गिरते क्रम अनुसार प्राथमिकता देते हुए करनी होगी। आयोग ने हाल ही में एक सर्वेक्षण का भी निर्देश जारी किया है जिसमें लापता मतदाताओं की जानकारी दो श्रेणियों के अंतर्गत की जा सकेगी। ऐसे लापता मतदाता जिनकी पारिवारिक कड़ी है और वे लापता मतदाता जिनकी कोई पारिवारिक कड़ी नही है इन दो श्रेणियों में से बिना पारिवारिक कड़ी वाले मतदाताओं के मतो का दुरूपयोग एवं अनाचार होने की संभावना अधिक है तथा दूसरी श्रेणी में आने वाले मतदाताओं का विश्लेषण मतदान केन्द्रवार करना होगा और इन मतदान केन्द्रो को चिन्हित करना होगा। जहां पर ऐसे मतदाताओं की संख्या अधिक है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के औसत को निकालने के लिए लापता मतदाताओं ‘‘की संख्या को’’ की पारिवारिक कड़ी नही है को कुल मतदान केन्द्रों की संख्या में से भाग देना होगा। इस औसत के विश्लेषण पर यदि विसमताएँ पाई जाती है तो उन मतदान केन्द्रों की पहचान क्रिटिकल मतदान केन्द्र के रूप में की जायें। आयोग ने उन सभी टोलो, गांवो, निर्वाचन खण्डो का संवेदनशील मानचित्रण करने के भी निर्देश दिए हंै जहां पर कि धमकी, डराने की संवेदनशीलता हो सकती है जिन मतदान केन्द्रो को ऐसे संवेदनशील खण्डो की पहचान में सही पाया जाता है तो उन मतदान केन्द्रों की सूची तैयार की जायें। प्रारूप-20 में उपलब्ध मतदान केन्द्रवार परिणामों को पूर्व के आम निर्वाचन के संदर्भ के साथ विश्लेषण कर उन मतदान केन्द्रों की पहचान क्रिटिकल मतदान केन्द्र के रूप में की जायेगी जहां पर की मतदान का 75 प्रतिशत से अधिक और जहां पर एक ही प्रत्याशी के पक्ष में 75 प्रतिशत वोट पड़े है। पूर्व के निर्वाचन में जिन मतदान केन्द्रों पर निर्वाचन संबंधी अनाचार की वजह से पुनः मतदान कराया गया था या वे मतदान केन्द्र जहां पर की निर्वाचन संबंधी हिंसा के साक्ष्य देखे गए थे उन्हें क्रिटिकल मतदान केन्द्र के रूप में पहचान की जायेगी।
इंटरनेट के द्वारा प्रचार प्रसार के पूर्व सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करनी होगी
विधानसभा निर्वाचन 2013 के चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया का उपयोग करने के संबंध में आयोग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं का हवाला देते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एम0बी0ओझा ने बताया है कि सोशल मीडिया बेवसाइट इंटरनेट के द्वारा यदि किसी अभ्यर्थी द्वारा चुनावी प्रचार-प्रसार किया जाता है तो व्यय संबंधित प्रत्याशी के खर्चे में शामिल किया जायेगा। सोशल मीडियाा का उपयोग करने से पूर्व प्रत्याशी द्वारा सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी साथ ही अभ्यर्थी द्वारा उनके सोशल मीडिया एकाउंट के संबंध में समुचित जानकारी उपलब्ध करानी होगी। आयोग ने चुनावी प्रचार के संबंध में विभिन्न प्रावधान सोशल मीडिया पर भी अन्य चुनाव प्रचार के लिए उपयोग होने वाले मीडिया के समान होगे। उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा प्रसारित निर्देशों के अनुसार जिला स्तरीय एमसीएमसी द्वारा राजनैतिक विज्ञापनों के इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में प्रसारित करने के संबंध में प्रमाणीकरण प्राप्त करना होगा। यही प्रक्रिया इंटरनेट आधारित मीडिया/बेवसाइट/सोशल मीडिया बेवसाइट पर राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों पर लागू होगी। आयोग ने इंटरनेट सहित सोशल मीडिया के संबंध में अभ्यर्थियों, राजनैतिक दलों पर आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान भी लागू किए है।
उड़नदस्ते द्वारा कार्यवाही
विधानसभा निर्वाचन 2013 के दौरान जिले के विभिन्न चैराहों पर उड़नदस्तें द्वारा आकस्मिक जांच पड़ताल कार्य किया जा रहा है जिसमें मुख्यतः अवैध हथियार, धन इत्यादि की सघन जांच दस्ते द्वारा की जा रही है। मंगलवार को उड़नदस्ते द्वारा विदिशा नगर के ईदगाह चैराहे पर आकस्मिक जांच पड़ताल के दौरान चार लाख रूपए लेकर परिवहन करने वालो के द्वारा किसी भी प्रकार के साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने पर उक्त राशि को जप्त करने की कार्यवाही की गई है। उड़नदस्ते के प्रभारी अधिकारी श्री एस0एम0बालपाण्डेय ने बताया है कि अशोकनगर से गुजरात की और जाने वाले श्री लाल भाई पटेल के वाहन की जांच के दौरान एक लाख 90 हजार रूपए और सागर से इन्दौर जा रहे श्री रामरतन के वाहन में से दो लाख दस हजार रूपए की राशि साक्ष्यों के अभाव में जप्त की गई है। पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ उड़नदस्ते के अन्य सदस्यों के द्वारा उक्त कार्यवाही सम्पादित की गई।
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