दक्षिणी गुजरात में सैकड़ों ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दावा किया नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान उन्हें घरों में कैद करके रखा गया और 'मुंह बंद रखने' की चेतावनी दी गई। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को दक्षिणी गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा की आधारशिला रखी। कथित रूप से लोगों को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया।
दरअसल, राज्य के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के समीप केवाडिया में प्रस्तावित 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के स्थल और विशाल पार्क के दायरे आ रहे 70 गांवों को बचाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता 'पर्यावरण सुरक्षा समिति' के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। 70 गावों की करीब 70,000 आबादी राज्य सरकार द्वारा जबरन भूमि अधिग्रहण किए जाने और पर्यटन विकास कार्यक्रम का विरोध कर रही है।
ग्रामीणों ने कहा कि वे अपनी जिंदगी, जानवरों, वन, भूमि और नदी को बचाना चाहते हैं और इसीलिए वे आंदोलन कर रहे हैं। शिलान्यास कार्यक्रम में खलल पड़ने की आशंका के मद्देनजर उन्हें घर से न निकलने की हिदायत दी गई। एक कार्यकर्ता तृप्ति शाह ने कहा, "बीती रात से ही पुलिस ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं पर कहर ढा रही है। हमें अपनी बात रखने की आजादी नहीं दी गई है और मोदी का कार्यक्रम निर्बाध संपन्न हो जाए, इसके लिए हमारे घर से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।"
उन्होंने कहा कि आधी रात के बाद पुलिस दो दर्जन ग्रामीणों के घरों में घुस आई और उन्हें किसी के सामने 'मुंह न खोलने' की हिदायत दी। उन्हें जेल में बंद कर देने की धमकी दी गई। एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता रोहित प्रजापति ने सवाल किया, "एकजुटता की स्थिति की क्या कीमत चुकाई जा रही है और किसकी बलि चढ़ाई जा रही है? जिस सरदार पटेल की छवि को नरेंद्र मोदी भुनाने के फेर में हैं, उन्होंने इस तरह के दमन और अलोकतांत्रिक कार्रवाई की मंजूरी क्या कभी दी थी?"
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