पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह ने अपनी आत्मकथा में कहा है कि उनका कैरियर छोटा करने के लिए जानबूझकर उम्र संबंधी विवाद खड़ा किया गया। उनकी आत्मकथा हाल ही में प्रकाशित हुई है। वी.के. सिंह को कार्यकाल के अंतिम दिनों में उनकी उम्र को लेकर सरकार के साथ कानूनी जंग का सामना करना पड़ा था।
'करेज एंड कन्विक्शन' शीर्षक से प्रकाशित अपनी आत्मकथा में पूर्व जनरल ने लिखा है कि जनरल जे.जे. सिंह (सेनाध्यक्ष 31 जनवरी 2005 से 30 सितंबर 2007 तक) ने सेनाध्यक्ष के पद पर अपनी पसंद के आदमी को बिठाने के लिए 'लुक डाउन नीति' अपनानी शुरू की।
उन्होंने कहा कि उम्र संबंधी विवाद उनके कैरियर को तबाह करने के लिए पैरा किया गया और दूसरों को भी तरीके से निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा है कि जनरल जे.जे. सिंह ने जनवरी 2005 में सेनाध्यक्ष का भार संभाला और सितंबर 2007 के अंत तक उनका कार्यकाल रहा।
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