बिहार में नीतीश मंत्रिपरिषद ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के गत 10 से 19 फरवरी तक उनके मंत्रिपरिषद की तीन बैठकों के दौरान लिए गए 34 निर्णयों को आज रद्द कर दिया। उन्होंने संबंधित विभागों को यह स्वतंत्रता दी है कि वे इन प्रस्तावों में आवश्यक समझे जाने वाले प्रस्ताव को अपनाकर उन्हें मंत्रिपरिषद के समक्ष फिर से विचार के लिए पेश कर सकते हैं। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधानसचिव बी प्रधान ने बताया कि गत 10, 18 एवं 19 फरवरी को मंत्रिपरिषद द्वारा 35 प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थीं।
उनमें एक रामबालक महतो को पदमुक्त कर उनके स्थान पर पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार कंठ को नए महाधिवक्ता के तौर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इस फैसले को नीतीश मंत्रिपरिषद ने उन्हें बहाल कर दिया।
उन्होंने बताया कि गत 10, 18 एवं 19 फरवरी को मांझी मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए बाकी 34 अन्य फैसले को नीतीश मंत्रिपरिषद ने आज निरस्त करते हुए संबंधित विभागों को यह स्वतंत्रता दी है कि इन प्रस्तावों में आवश्यक समझे जाने वाले प्रस्ताव को यथोचित प्रक्रिया अपनाकर उन्हें मंत्रिपरिषद के समक्ष विचार के लिए फिर से पेश सकते हैं। प्रधान ने बताया कि जिन अन्य निर्णयों को आज मंत्रिपरिषद द्वारा रद्द किया गया है उनमें दस फरवरी, 18 फरवरी, तथा 19 फरवरी के निर्णय शामिल हैं।
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