राम मंदिर निर्माण इसी वर्ष शुरू करने की होगी कोशिश : स्वामी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 27 मई 2016

राम मंदिर निर्माण इसी वर्ष शुरू करने की होगी कोशिश : स्वामी

ram-mandir-will-start-this-year-swami
नयी दिल्ली 27 मई, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आज कहा कि वह इस वर्ष अघ्येध्या में राम मंदिर के निर्माण तथा नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं को सजा दिलाने के लिये अपनी लडाई जारी रखेंगे । श्री स्वामी को राज्यसभा के लिये मनोनित किये जाने के उपलक्ष्य में भारतीय किसान अभियान की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में उन्होंने कहा कि वह कृषक समाज के लिये भी काम करते रहेंगे । उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार या नेशनल हेराल्ड मामले में अपना पक्ष कमजोर नहीं होने देंगे ।इसके अलावा उनकी पूरी कोशिश होगी कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण इसी वर्ष से शुरू हो जाये । 

उल्लेखनीय है कि श्री स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ मामला दायर किया हुआ है जिस पर दिल्ली की एक निचली अदालत में सुनवाई चल रही है । वह राम मंदिर का मुद्दा भी समय समय पर उठाते रहे हैं और हाल में उन्होंने मांग की है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दें की सुनवाई प्रतिदिन के आधार पर हो ताकि जल्द से जल्द मामले का निपटारा हो जाये । कृषि की उपेक्षा के लिये श्री स्वामी ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया । उन्होंने कहा कि देश में 15 करोड दुधारू पशु हैं और औसतन प्रति वर्ष एक गाय 200 लीटर दूध देती है लेकिन इजरायल में यह मात्रा 11000 लीटर वार्षिक है । यह अंतर उपयुक्त नीति और प्रौद्योगिकी नहीं अपनाने के कारण है । उन्होंने कहा कि किसानों को तमाम संसाधन दिये जाने चाहिये जिससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना उत्पाद बेच सकें । भारत ऐसा देश है जहां सालों भर खेती की जा सकती है और सही नीतियों से उत्पादकता बढती है तो घरेलू खपत के अलावा पर्याप्त मात्रा में सामानों को विदेश में निर्यात किया जा सकता है ।

कोई टिप्पणी नहीं: