नयी दिल्ली, 15 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र के लोगों से सीधा संवाद स्थापित करके आतंकवाद को प्रश्रय देने के लिये पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। श्री मोदी ने सत्तरवें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र का सीधे तौर पर उल्लेख किया। यह पहला मौका है जब किसी प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से इन क्षेत्रों के लोगों से सीधा संवाद किया है। उल्लेखनीय है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने का आंदोलन चल रहा है और हाल में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर एवं गिलगित क्षेत्र में भी ऐसे आंदोलनों ने जोर पकड़ा है। कश्मीर घाटी में लोगों को बहकाने, आतंकवाद फैलाने तथा कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने में लगे पाकिस्तान को घेरते हुए प्रधानमंत्री ने बीते शुक्रवार को कश्मीर की स्थिति पर बुलायी गयी एक सर्वदलीय बैठक में कहा था कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को विश्व के सामने बलूचिस्तान में और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब देना होगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर इन क्षेत्रों के लोगों ने श्री मोदी की सराहना की थी और उनका आभार जताया था। प्रधानमंत्री ने इसके लिये उन लोगों को अभिनंदन करते हुए आज कहा, “कुछ दिनों से बलूचिस्तान, गिलगित और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों ने जिस प्रकार से मुझे बहुत बहुत धन्यवाद दिया है, जिस तरह से मेरा आभार जताया है और मेरे प्रति सद्भावना व्यक्त की है। दूर दूर बैठे लोग, जिस धरती को मैंने देखा नहीं है, जिनसे मेरी कभी मुलाकात भी नहीं हुई है। वे हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री का अभिनंदन, आदर कर रहे हैं, वे दरअसल हिन्दुस्तान के सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वह ‘तहेदिल’ से बलूचिस्तान, गिलगित एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों का आभार व्यक्त करते हैं।
मंगलवार, 16 अगस्त 2016
मोदी ने बलूचिस्तान, गिलगित व पीओके का नाम लेकर पाक को घेरा
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