नयी दिल्ली, 27 सितम्बर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के अनुमोदन संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को भारतीय जनता पार्टी सरकार के संसद में किए गए वादे का ‘उल्लंघन’ करार दिया है।
पार्टी पोलित ब्यूरो ने आज यहां जारी एक बयान में प्रधानमंत्री की इस संबंध में की गयी कल की घोषणा पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि मोदी सरकार का यह कदम भारत के विरुद्ध तथा गरीबी हटाओ तथा देश की जनता की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के वादों के खिलाफ है।
पार्टी ने कहा कि इस समझौते का अनुमोदन करने से मोदी सरकार द्वारा देश की जनता को दिया गया आश्वासन पूरा नहीं हो रहा है। पार्टी ने कहा है कि इस समझौते के तत्काल बाद सरकार ने पिछले वर्ष संसद में घोषणा करते हुए आश्वासन दिया था कि इसका अनुमोदन करने से पहले इसे देश के पर्यावरण, वन तथा ऊर्जा आदि कानूनों की कसौटी पर परखा जाएगा।
माकपा ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने कोपेनहेगन शिखर वार्ता के बाद संसद में कहा था कि सरकार पेरिस समझौते का अनुमोदन करते समय सीमा का उल्लंघन नहीं करेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की इस समझौते को अनुमोदित करने की घोषणा से यह साबित हो गया है कि मोदी सरकार अमेरिका के वैश्विक हितों की रणनीति को सहयोग दे रही है और इस तरह के फैसले वह अमेरिका के दबाव में ही ले रही है। पार्टी ने कहा कि है कि भारत को यह समझना चाहिए कि इस समझौते का अनुमोदन अब तक यूरोपीय देशों ने नहीं किया है। यूरोपीय देश भारत की तुलना में कार्बन उत्सर्जन के सबसे बड़े गुनाहगार है।
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