देश में तेजी से बढ़े हैं दलित उत्पीड़न के मामले: चौधरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 28 सितंबर 2016

देश में तेजी से बढ़े हैं दलित उत्पीड़न के मामले: चौधरी

पटना 28 सितंबर (वार्ता) बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि देश में पिछले दो वर्षों के दौरान दलित उत्पीड़न के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं और गुजरात के उना में हुई हिंसा तथा रोहित वेमुला आत्महत्या मामले इसके जीवंत उदाहरण हैं। 

श्री चौधरी ने हावर्ड विश्वविद्यालय में एक सम्मेलन में प्रस्तुत अपने शोध पत्र ‘द दलित एवर्मेंट इन बिहार’ में कहा, “देश में लगातार बढ़ रहे दलित उत्पीड़न मामलों पर लगाम लगाना अकेले सरकार के बूते से बाहर है। इसके लिए लोगों को दलितों के बारे में अपनी मानसिकता बदलनी होगी।” उन्होंने कहा कि आरक्षण न तो नीतिगत न राजनीतिक तिकड़म और न ही खैरात का विषय है बल्कि यह तो दलितों का संवैधानिक अधिकार है। बिहार में 

दलितों की स्थिति का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि राज्य के दो तिहाई दलित गरीब हैं जबकि 71 प्रतिशत निरक्षर हैं। इनकी कुल आबादी का केवल चार प्रतिशत ही स्नातक या उच्च शिक्षा हासिल कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सफाई कर्मचारी अनुसूचित जाति के हैं और इनमें से 82.54 प्रतिशत चार समुदायों डोम, मेहतर, बासफोर और भंगी समुदाय के होते हैं। श्री चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार ने वर्षों से अन्याय के शिकार होते रहे दलित समुदाय के उत्थान के लिए कई आवश्यक कदम उठाये हैं। राज्य में महादलित विकास मिशन के तहत कई योजनाएं जैसे वास के लिए महादलित भूमि, दशरथ मांझी कौशल विकास योजना, सिर पर मैला उठाने की प्रणाली का उन्मूलन, सामुदायिक भवन का निर्माण, जिला एवं प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण एवं शोध के लिए संसाधन केंद्रो की स्थापना और विकास मित्र योजना के साथ ही कई अन्य योजनाएं शामिल हैं।

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