पटना 27 सितंबर, बिहार सरकार ने सबको नल का जल और शौचालय उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को धरातल पर उतारने की कोशिशों के तहत आज अपने ‘सात निश्चयों’ में से दो निश्चय ‘हर घर नल का जल’ और ‘शौचालय निर्माण, घर का सम्मान’ योजना का शुभारंभ किया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां इन योजनाओं का शुभारंभ करते हुये कहा, “हर घर नल का जल योजना के तहत वर्ष 2019-20 तक राज्य के सभी घरों तक नलों के माध्यम से नि:शुल्क शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही खुले में शौच जाने से हो रही बीमारियों से लोगों को निजात दिलाने में शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना काफी मददगार साबित होगी।”
श्री कुमार ने लोहिया स्वच्छ बिहार के तहत दोनों निश्चयों को सार्वभौमिक बताते हुये कहा कि इन योजनाओं का दायरा काफी विस्तृत है और इन्हें किसी खास वर्ग विशेष को ध्यान में रखकर तैयार नहीं किया गया है। इन योजनाओं का लाभ गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे (बीपीएल) एवं गरीबी रेखा से ऊपर जीवनयापन कर रहे (एपीएल) लोगों को समान रूप से मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने हर घर नल का जल योजना के क्रियान्वन का विस्तृत ब्योरा देते हुये कहा कि शहरी क्षेत्र में इसके सफल क्रियान्वयन की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को दी गई है वहीं, ग्रामीण इलाकों में इसे पंचायती राज विभाग के साथ ही लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि खराब गुणवत्ता वाले जल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू करने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग की जबकि साफ जल वाले इलाकों में इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग की होगी।
श्री कुमार ने कहा कि इस योजना के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 135 लीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जल की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने योजना को लागू करने में वित्तीय उपलब्धता की चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए वित्त की कोई कमी नहीं है। वर्ष 2016 और इसके अगले चार वर्षों के दौरान जितने वित्त की जरूरत होगी, उसकी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में चार नगर परिषद् और 81 नगर पंचायत के कुल 1,438 वार्डों में 4,83,704 परिवारों को नल के जल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 519.17 करोड़ रुपये की शहरी जलापूर्ति योजना का भी शुभारंभ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निश्चय को लागू करने से इससे जुड़ी पहले की योजनाएं भी चलती रहेंगी। गांवों में चापाकल लगाने, उसकी देखरेख और रखरखाव पहले की ही तरह किये जाएंगे। उन्होंने राज्य में इस वर्ष हुई आगजनी की घटनाओं के संदर्भ में ग्रामीण इलाकों में पानी की उपलब्धता बनाये रखने को जरूरी बताते हुये कहा कि इसके लिए सरकार सभी सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कराएगी।
श्री कुमार ने कहा कि शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना के तहत सरकार प्रत्येक लाभार्थी को 12,00 रुपये अनुदान देगी। शौचालय का काम शुरू करने के लिए आरटीजीएस के माध्यम से सरकार की तरफ से 7,500 रुपये लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित किये जाएंगे और शौचालय का निर्माण पूरा होने पर उन्हें 4,500 रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 तक 7,09,978 शौचालयों के निर्माण के लिए 851.97 करोड़ रुपये व्यय करने की योजना है। इस योजना के अंतर्गत नगर निकायों को 241.87 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके पास शौचालय निर्माण के लिए पर्याप्त जगह नहीं होगी, उनके लिए सरकार सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराएगी और उसकी साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी उन्हें की सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल शौचालय निर्माण से बीमारियों से मुक्ति नहीं मिलेगी बल्कि लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले चार से पांच सालों में बिहार को खुले में शौच जाने की समस्या से शत-प्रतिशत निजात दिलाना है।
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