नयी दिल्ली, 22 सितंबर पूर्व भारतीय चयनकर्ता प्रमुख संदीप पाटिल ने चौंकाने वाला तथ्य सामने लाते हुये कहा है कि यदि सचिन तेंदुलकर वर्ष 2012 में वनडे क्रिकेट से संन्यास नहीं लेते तो उन्हें टीम से बाहर किये जाने की तैयारी थी।
देश और दुनिया के महान क्रिकेटर सचिन ने वर्ष 2012 में वनडे और एक वर्ष बाद 2013 में अपने 200वें मैच के साथ टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। हालांकि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘रिकार्ड बुक’ बनाने वाले और सर्वाधिक रन स्कोरर सचिन यदि उस वर्ष वनडे से संन्यास नहीं लेते तो चयनकर्ता उन्हें टीम से बाहर करने की तैयारी में थे।
बतौर भारतीय चयनकर्ता अध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा कर चुके पाटिल ने एक मराठी चैनल से कहा“ तत्कालीन चयनकर्ता 12 दिसंबर 2012 को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के टेस्ट मैच के दौरान सचिन से मिले थे। हमने सचिन से उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा था। उन्होंने साफ किया था कि वह संन्यास नहीं लेना चाहते हैं। लेकिन चयन समिति सचिन पर अपना निर्णय कर चुकी थी और बोर्ड को भी इसके बारे में सूचित कर दिया गया था।”
पाटिल ने कहा“ सचिन हमारी बातों से समझ चुके थे कि क्या होने वाला है इसलिये जब हमारी अगली बैठक हुई तब सचिन ने बताया कि वह वनडे से संन्यास लेने वाले हैं। यदि सचिन यह निर्णय नहीं लेते तो निश्चित ही हम उन्हें टीम से बाहर कर देते।”
पूर्व चयनकर्ता ने कहा“ सचिन टेस्ट पर अपना ध्यान अधिक लगाना चाहते थे। उन्होंने मुझे और संजय जगदाले को फोन किया। उसके बाद यह तय हुआ कि वह वनडे से संन्यास लेंगे।”पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन ने 23 दिसंबर 2012 को वनडे से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने करियर में 463 वनडे खेले जिसमें 18426 रन बनाये जिसमें 46 शतक शामिल हैं।
इससे पहले भी पाटिल से उनके चयनकर्ता अध्यक्ष के रूप में आखिरी संवाददाता सम्मेलन में यह पूछा गया था कि क्या खराब फार्म से जूझ रहे सचिन को टेस्ट से संन्यास के लिये बाध्य किया गया था, तो पाटिल ने कहा था कि कुछ बातें सार्वजनिक मंच पर नहीं कही जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि सचिन ने वनडे के एक वर्ष बाद 2013 में टेस्ट से भी संन्यास की घोषणा कर दी थी।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खासतौर पर आयोजित की गयी थी जिसमें मास्टर ब्लास्टर ने अपने 200 टेस्ट पूरे करने के साथ 16 नवंबर 2013 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। सचिन ने अपने 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन बनाये जिसमें 51 शतक शामिल हैं।
पूर्व क्रिकेटर पाटिल ने साथ ही महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की खबर को भी चौंकाने वाला बताया। धोनी ने दिसंबर 2014 में आस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने कहा“ कुछ चीजें हमारे हिसाब से नहीं हुईं और हमारे एक सीनियर खिलाड़ी ने सीरीज के बीच में ही संन्यास की घोषणा कर दी। हमारे लिये यह बहुत चौंकाने वाला था।लेकिन यह उनका निर्णय था।”
पूर्व चयनकर्ता ने कहा“ सचिन टेस्ट पर अपना ध्यान अधिक लगाना चाहते थे। उन्होंने मुझे और संजय जगदाले को फोन किया। उसके बाद यह तय हुआ कि वह वनडे से संन्यास लेंगे।”पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन ने 23 दिसंबर 2012 को वनडे से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने करियर में 463 वनडे खेले जिसमें 18426 रन बनाये जिसमें 46 शतक शामिल हैं।
इससे पहले भी पाटिल से उनके चयनकर्ता अध्यक्ष के रूप में आखिरी संवाददाता सम्मेलन में यह पूछा गया था कि क्या खराब फार्म से जूझ रहे सचिन को टेस्ट से संन्यास के लिये बाध्य किया गया था, तो पाटिल ने कहा था कि कुछ बातें सार्वजनिक मंच पर नहीं कही जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि सचिन ने वनडे के एक वर्ष बाद 2013 में टेस्ट से भी संन्यास की घोषणा कर दी थी।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खासतौर पर आयोजित की गयी थी जिसमें मास्टर ब्लास्टर ने अपने 200 टेस्ट पूरे करने के साथ 16 नवंबर 2013 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। सचिन ने अपने 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन बनाये जिसमें 51 शतक शामिल हैं।
पूर्व क्रिकेटर पाटिल ने साथ ही महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की खबर को भी चौंकाने वाला बताया। धोनी ने दिसंबर 2014 में आस्ट्रेलिया सीरीज के बीच में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने कहा“ कुछ चीजें हमारे हिसाब से नहीं हुईं और हमारे एक सीनियर खिलाड़ी ने सीरीज के बीच में ही संन्यास की घोषणा कर दी। हमारे लिये यह बहुत चौंकाने वाला था।लेकिन यह उनका निर्णय था।”
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