राफेल सौदे की हो जांच:स्वराज अभियान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 20 अक्तूबर 2016

राफेल सौदे की हो जांच:स्वराज अभियान

नयी दिल्ली 20 अक्टूबर, माने-माने वकील प्रशांत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव के संगठन स्वराज अभियान ने एक अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे गए पत्र के हवाले से आज दावा किया कि स्कोर्पियन घोटाले के मुख्य आराेपी अभिषेक वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद और रक्षा प्रतिष्ठान के कई अधिकारियों को ‘काॅल गर्ल्स के जाल में फंसाकर रक्षा क्षेत्र की कई गोपनीय जानकारियां हासिल की है।



श्री भूषण और श्री यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार भी कांग्रेस की तरह ही इस घोटाले पर पर्दा डाल रही है क्योंकि इस सौदे से जुडी एक प्रमुख कंपनी थैलेस और उसकी सहयोगी फ्रांसीसी दासाल्ट के साथ मोदी सरकार ने 36 राफेल युद्धक विमान खरीदने का सौदा किया है। उन्होंने दावा किया कि अगर थैलेस पर पाबंदी लग गयी होती तो सरकार यह सौदा संभव नहीं था, जो उसने दुगुनी कीमत पर किया है।




उन्होंने राफेल सौदे की जांच कराने तथा सरकार से यह खुलासा करने की मांग की कि लडाकू विमान की कीमत तीन - चार महीने में ही दुगुनी कैसे हो गयी। इस बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संवाददाताओं के सवालों पर इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह अब तक सबसे बेहतरीन सौदा है।



श्री भूषण ने कहा कि स्कोर्पियन पनडुब्बी के सौदे में दलाली के मामले में फंसी कंपनी थैलेस की भूमिका राफेल युद्धक विमान के सौदे में हैं। इस सौदे पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ जिस मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने हस्ताक्षर किए हैं ,थैलेस से भी जुडा था। 

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय से जुडी संसदीय समिति की बैठक की विस्तृत जानकारी रक्षा सौदों के दलाल अभिषेक वर्मा तक पहुंचाई जाती रही है जो बाद में विदेशी कंपनियों तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति की बैठक की जानकारी भाजपा के एक सांसद के जरिए बाहर जाती है। 
स्वराज अभियान द्वारा एक दस्तावेज के अनुसार इस पूरे मामले की जानकारी पत्रों और ई-मेल के माध्यम से प्रधानमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराई गयी है। यह जानकारी दलाल अभिषेक वर्मा के पूर्व भागीदार एडमंड एेलन ने उपलब्ध कराई है। उन्होंने पत्र में कहा कि भाजपा सांसद वरुण गांधी ‘हनी ट्रेप’ में फंसे हुए हैं। मामले से संबंधित पूरे कागजात प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक को भेजे गए हैं। 

श्री भूषण ने कहा कि रक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारी विदेशी कंपनियों को उपलब्ध कराने का मामला वर्ष 2005 में शुरू हुआ और कांग्रेस ने इसकी जांच को आगे नहीं बढने दिया। उन्हाेंने कहा कि भाजपा की सरकार भी इस मामले में आगे जांच नहीं करना चाहती है क्योंकि इसमें उसके ‘अपने आदमी’ फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि श्री पर्रिकर स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि स्कोर्पियन पनडुब्बी सौदे में दलाली ली गयी है लेकिन वह इसकी जांच नहीं कर रहे हैं। 

श्री यादव ने कहा कि राफेल युद्धक विमान की लागत कई गुणा बढ़ चुकी है। इसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और जांच पूरी होने तक राफेल सौदे को रोक देना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि अभिषेक वर्मा और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। रक्षा मामलों से जुड़ी संसदीय समिति के सदस्यों की जांच के आदेश दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले की पूरी तथ्यपरक जानकारी देनी चाहिए।

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