नोटबंदी पर ममता-केजरीवाल का केन्द्र को अल्टीमेटम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 नवंबर 2016

नोटबंदी पर ममता-केजरीवाल का केन्द्र को अल्टीमेटम

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नयी दिल्ली,17 नवंबर, नोटबंदी के कारण पैसों के लिए पूरे देश में मची अफरा तफरी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज केन्द्र सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि या तो वह तीन दिनों के अदंर समस्या का समाधान निकाले या फिर अपना फैसला वापस ले वरना इसके परिणाम गंभीर होंगे। दोनों नेताआें ने माेदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यहां आजाद पुर मंडी में एक जनसभा में कहा कि सरकार के इस फैसले से देश में आपातकाल से भी बदतर स्थिति हो गई है। आम आदमी भारी परेशानी झेल रहा है। उद्योग धंधे ठप हो गए हैं। किसानों और मजूदरों की रोजी मारी जारी है। लोग भूखे मर रहे हैं। पूरे देश को अपना ही पैसा लेने के लिए घंटो कतार में खड़े होकर धक्के खाने पड़ रहे हैं और इस पर शिकायत की तो बेईमान बताया जा रहा है। नोटबंदी को भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई बताकर इसकी आड़ में उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं। करोड़ों का घेाटाला किया जा रहा है। यह ज्यादती और जुल्म किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को चेतावनी दी जाती है कि वह या तो तीन दिन के अदंर लोगों की तकलीफ दूर करे या फिर अपना फैसला वापस ले अन्यथा पूरे देश में आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह यहां आम लोगों के हक की लड़ाई लड़ने आई हैं। किसी की जोर जबरदस्ती से डरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा ‘हम डरने वाले नहीं लड़ने वाले लोग है।’हमें चाहे जेल में डाल देा या गोली मार दो पीछे नहीं हटेंगे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।’उन्होंने श्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह तर्क स्वीकार नहीं है कि बस एक आदमी ईमानदार है और बाकी सब चोर हैं । एक संत है बाकी सब भ्रष्टाचारी हैं। श्री केजरीवाल ने मोदी सरकार को उद्योगपतियों की हिमायती करार देते हुए कहा कि नोटबंदी के नाम पर देशभक्ति की आड़ में आठ लाख करोड़ रुपए का घोटाला किया जा रहा है। यह आजाद भारत का अब तक का सबसे बड़ा घाेटाला है। अंबानी और अडानी और विजय माल्या जैसे अरब पतियों को बैंकों ने आठ लाख करोड़ रूपए का कर्ज दे रखा था। ये सारी रकम ये अरबपति डकार गए। कुछ रकम विदेश भेज दी तो कुछ को ठिकाने लगा दिया। इसकी वजह से बैंक कंगाली की कगार पर पहुंच गए। उन्हाेंने कहा कि मोदी सरकार ने इस कर्ज की एक पाई भी इन अरबपतियों से वसूल नहीं कि उल्टे उनका 1 लाख 14 हजार करोड रूपए का कर्ज माफ कर दिया। अब इसकी भरपाई कैसे करें इसके लिए नयी तरकीब निकाली और 500 और 1000 रूपए के नोट बंद कर दिए ताकि लोग अपने पुराने पैसे बैंकों में जमा कराएं। सरकार का अनुमान है कि इससे बैंकों में दस लाख करोड़ रुपए आ जाएंगे। श्री केजरीवाल ने कहा कि इन पैसों से मोदी जी अपने उद्योगपतियों मित्रों का बाकी का अाठ लाख करोड़ का कर्ज भी माफ कर देंगे । यह सब आम जनता को तकलीफ देकर किया जा रहा है। यह देश की जनता के साथ एक धोखा अौर षड़यंत्र है। जनसभा को संबोधित करने के बाद दोनों नेता संसद मार्ग स्थित रिजर्व बैंक के कार्यालय पहुंचे और बैंक के अधिकारियो से यह जानकारी मांगी कि बैंक के पास कुल कितने नोट उपलब्ध हैं अौर कितने नोटों की मांग है। उन्हें कार्यालय के बाहर ही रोक दिया गया। बैंक के अधिकारी उन्हें वहीं मिलने आए। बाद में दोनों नेताओं ने कहा कि अधिकारियों ने बताया कि उनके पास इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

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