नयी दिल्ली 17 जनवरी, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से नयी दिल्ली स्थानांतरित करने संबंधी पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज फैसला सुरक्षित रख लिया । न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्रीमती आशा रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला को सुरक्षित रख लिया । श्रीमती रंजन ने कहा कि यदि शहाबुद्दीन को बिहार की जेल में रखा जाता है तो उनके खिलाफ निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती । वह गवाहों को धमकायेंगे जिससे वे उसके खिलाफ निष्पक्ष गवाही नहीं दे पायेंगे । शहाबुद्दीन पर करीब 40 आपराधिक मामले चल रहे हैं । उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ 42 वर्षीय राजदेव रंजन की गत वर्ष मई में सीवान रेलवे स्टेशन क्षेत्र में फल मंडी के पास गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । बिहार सरकार ने निष्पक्ष जांच के लिए इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था ।
मंगलवार, 17 जनवरी 2017
उच्चतम न्यायालय ने शहाबुद्दीन मामले पर फैसला सुरक्षित रखा
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