लखनऊ, 22 जनवरी, उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा के लिये होने वाले मतदान के मात्र एक पखवारा पहले राज्यपाल राम नाईक ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में सूबे की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार की प्रतिबद्धता पर सवालिया निशान लगा दिया है। सरकार के क्रियाकलापों पर राजभवन से आज जारी मूल्याकंन रिपोर्ट में श्री नाईक ने कहा है कि लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के दोषी राजनेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में सपा सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी जो एक गंभीर मसला है। उन्होंने सरकारी जमीनों के अतिक्रमण पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग भी की। रिपोर्ट में राज्यपाल ने कहा है कि राजनेताओ और अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त ने 53 रिपोर्टे भेजी मगर अखिलेश सरकार ने इनमे से 51 पर कोई संज्ञान नहीं लिया। इन रिपोर्ट में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नसीमुद्दीन सिद्दकी, रामअचल राजभर और अवध पाल सिंह का नाम शामिल है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के खातों के आडिट पर प्रदेश सरकार के रूख के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुये श्री नाईक ने कहा कि वह इस मसले पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से शिकायत कर चुके हैं। श्री नाईक ने कहा कि उन्होने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के बारे में राज्य सरकार को श्वेत पत्र जारी करने के लिये लिखा था कि इस अवैैध कृत्य के कारण सरकार को कितना वित्तीय नुकसान झेलना पडा मगर आज तक उन्हें सरकार की अोर से कोई जवाब नहीं मिला।
रविवार, 22 जनवरी 2017
अखिलेश सरकार भ्रष्टाचार राेकने में नाकाम : नाईक
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