लखनऊ 16 जनवरी, समाजवादी पार्टी(सपा) के एक खेमे के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र अखिलेश यादव सरकार को घेरते हुए उसे मुस्लिम विरोधी करार दिया। श्री यादव ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अखिलेश मुस्लिम पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के खिलाफ थे। वह नहीं चाहते थे कि पुलिस विभाग का मुखिया कोई मुस्लिम हो। उन्हें कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बताया कि सपा सरकार मुसलमानों के हितों की अनदेखी कर रही है। सपा के दोनो खेमों में समझौते के ठोस प्रयास के तहत मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी घोषित कर दिया था। उन्होंने कहा था कि सपा की सरकार बनने पर अखिलेश ही मुख्यमंत्री होंगे लेकिन उनके आज के बयान से साफ हो गया कि अब सुलह सपाटे की गुंजाइश नहीं बची है। इस बीच, पार्टी कार्यालय में मुलायम सिंह यादव की नाम पट्टिका के नीचे ही अखिलेश यादव का नेम प्लेट भी लगा दी गयी है। नेम प्लेट पर उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बताया गया है। इससे साफ हो गया है कि अखिलेश खेमा भी समझौते के मूड में नहीं है। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश ने कई मंत्रियों को मंत्रिमण्डल से बाहर कर दिया था। इसमें कई वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। महिला मंत्री को भी निकाल बाहर किया था। बलराम यादव को दबाव डालकर फिर से मंत्री बनवाया। अखिलेश को बात करने के लिए कई बार बुलाया लेकिन वह नहीं आया। जब बीवी बच्चों की कसम खिलायी तो वह आया। उन्होंने अपने खेमे को राज्य विधानसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ाने का संकेत देते हुए कहा, “सिम्बल चाहे जो हो आप मेरा साथ दीजिये। मेरा बेटा दूसरे के हाथों में खेल रहा है। राम गोपाल ने पार्टी को बरबाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।” उधर, अखिलेश यादव खेमे की कांग्रेस और राष्ट्रीय लाेकदल(रालोद) से गठबंधन की अटकलें काफी तेज हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे मुस्लिम मतों को अपनी ओर आकर्षित करने का एक प्रयास मानकर चल रहे हैं। उनका कहना है कि गठबंधन होने पर मुस्लिम मत अखिलेश खेमे के भी पक्ष में आ सकते हैं।
सोमवार, 16 जनवरी 2017
अखिलेश सरकार मुस्लिम विरोधी: मुलायम
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