इटावा, 20 जनवरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गृह जिला इटावा में पार्टी के टिकटों के वितरण में बड़ा फेरबदल करके सबको चौंका दिया है, श्री यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी पूर्व मंत्री गया प्रसाद वर्मा की पत्नी श्रीमती सुखदेवी वर्मा और चाचा शिवपाल सिंह यादव के सबसे भरोसेमंद इटावा सदर के मौजूदा विधायक रघुराज सिंह शाक्य का टिकट काट कर करारा झटका दिया है। सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने दावा किया है कि पार्टी नेतृत्व ने नए उम्मीदवारों पर अपना भरोसा जताया है और उनके लिए पार्टी का हर कार्यकर्ता जी जान से जुटेगा और दोनों प्रत्याशियों को जिताने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी हालांकि जसवंतनगर से अखिलेश ने चाचा शिवपाल सिंह यादव का टिकट बरकरार रखा है। खुद शिवपाल ने कल अपने समर्थकों से बातचीत करके साफ संकेत दिया था कि वह जसवंतनगर से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे और इस बार पिछली बार की तरह और अधिक मतों से विजयी होंगे। जिलाध्यक्ष ने आज पार्टी के घोषित उम्मीदवार कमलेश कठेरिया और कुलदीप गुप्ता का पार्टी कार्यालय पर जोरदार स्वागत किया। दोनों उम्मीदवारों ने कहा कि पार्टी की नीतियों और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा कराए गए विकास कार्यों को जनता के बीच में ले जाकर के वह उनका भरोसा जीतेंगे। पूर्व मंत्री गया प्रसाद वर्मा की पत्नी श्रीमती सुखदेवी वर्मा इटावा जिले की भरथना विधानसभा सुरक्षित सीट से लंबे समय से विधायक होती आई हैं लेकिन इस दफा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनकी बढती उम्र को ध्यान में रखते हुए इटावा के पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया के बेटे कमलेश कठेरिया को टिकट देना मुनासिब समझा। इसके पीछे यह तर्क पार्टी की तरफ से दिया गया है कि सुखदेवी वर्मा के मुकाबले कमलेश कठेरिया युवा और लोगों के बीच उनकी सही से पहचान फिलहाल बनी हुई दिखाई दे रही है। जहां तक सुखदेवी वर्मा का सवाल है तो उनके बारे में पर्यवेक्षक टीम ने जो रिपोर्ट पार्टी मुखिया को भेजी हुई है उसमें यह कहा गया है कि सुखदेवी वर्मा के खिलाफ इस वक्त माहौल बना हुआ है। पार्टी अगर सुखदेवी वर्मा को लेकर के टिकट देने जैसा कोई जोखिम लेती है तो यह सीट सपा के कब्जे से हट भी सकती थी। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में सुखदेवी वर्मा बसपा के डा. भीमराव अंबेडकर से पराजित हो चुकी हैं लेकिन 2012 के विधानसभा के चुनाव में सुखदेवी वर्मा ने जीत हासिल करके पार्टी नेतृत्व का भरोसा अपने प्रति बना लिया था। सुखदेवी वर्मा के पति दिवंगत गया प्रसाद वर्मा मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेताओं में से एक माने जाते रहे हैं । दलित नेता के तौर पर उनकी इटावा और इटावा के आसपास के इलाके में खासी पहचान रही है। वर्ष 1989 में गठित हुई मुलायम सिंह यादव की सरकार में गया प्रसाद वर्मा सहकारिता मंत्री के तौर पर रह चुके हैं लेकिन एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद उनकी मौत के बाद सुखदेवी वर्मा पर मुलायम सिंह यादव ने भरोसा जताते हुए उनको लखना (सुरक्षित) विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा और उसके बाद से लगातार सुखदेवी वर्मा मुलायम सिंह यादव के भरोसे पर खरी उतरती रही हैं।
इटावा सदर के मौजूदा समाजवादी पार्टी के विधायक रघुराज सिंह शाक्य जिनका टिकट समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने काटा है । वे उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर के धौलपुर खेड़ा गांव के रहने वाले हैं । रघुराज इटावा लोकसभा से एक ऐसे नेता के तौर पर काबिज हैं जो लगातार दो बार लोकसभा चुनाव को जीतने में कामयाब रहे । रघुराज सिंह से पहले कोई भी राजनेता लगातार लोकसभ चुनाव जीतने का रिकार्ड हासिल नहीं कर सका । पहली दफा रघुराज सिंह शाक्य 1999 में लोकसभा चुनाव जीते थे उसके बाद से लगातार सांसद रहे हैं हालांकि उनको 2004 आगरा जिले की फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से भी एक बार चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए उतारा जा चुका है लेकिन विषम परिस्थितियों में फतेहपुर सीकरी भेजे जाने का कोई फायदा नहीं मिल पाया और उनको वहॉ पर पराजित होना पडा । ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेताओं के सामने इस बात का संकट हुआ कि पिछड़ी जाति के अहम नेता को कहां और कैसे एडजस्ट किया जाए। रघुराज सिंह शाक्य, शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद राजनेता में से एक रहे हैं क्योंकि उनको शाक्य बिरादरी का वोट जसवंतनगर, इटावा के आसपास की अन्य विधानसभाओं में खासी तादाद पर मिलता रहा है और इसीलिए तमाम विरोधों के बावजूद भी रधुराज शाक्य पर शिवपाल सिंह यादव भरोसा जताते रहे हैं लेकिन मौजूदा वक्त में रघुराज सिंह शाक्य शिवपाल खेमे में चले जाने के कारण उनके ऊपर गाज गिर गई । भरथना विधानसभा (सुरक्षित) सीट के लिए टिकट पाये कमलेश कठेरिया इटावा के पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया के बेटे हैं । प्रेमदास कठेरिया मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी के अशोक दोहरे के मुकाबले करीब पौने दो लाख वोटों से अधिक मतों से पराजित हो गए थे लेकिन मौजूदा वक्त में समाजवादी पार्टी में मची उठापटक के बीच सपा महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव के भरोसेमंद करीबी होने के कारण उनके बेटे कमलेश कठेरिया को सपा ने टिकट देना मुनासिब समझा। इटावा सदर विधानसभा से टिकट पाये नगर पालिका परिषद के चेयरमैन कुलदीप गुप्ता ‘संटू’ पार्टी महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद लोगों में से एक माने जाते हैं। नगर पालिका परिषद के चेयरमैन रहते हुए उन्होंने विकास के कई काम किये हैं जो उनको टिकट का हकदार बनाने के लिये काफी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें