बिहार ने शराबबंदी के खिलाफ रचा इतिहास : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 21 जनवरी 2017

बिहार ने शराबबंदी के खिलाफ रचा इतिहास : नीतीश

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पटना 21 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि शराबबंदी और नशामुक्ति के समर्थन में राज्य के तीन करोड़ से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर इतिहास रच दिया है। इससे पूरी दुनिया में सशक्त संदेश गया है। श्री कुमार ने यहां मानव श्रृंखला निर्माण के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक अभियान था और इसकी बदौलत बिहार ने नशामुक्त समाज निर्माण के लिए पूरी दुनिया को सशक्त संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल में पूरे राज्य में शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी और अब मानव श्रृंखला निर्माण में लोगों की अप्रत्याशित भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि वे पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में खड़े हैं।” उन्होंने कहा कि किसी भी महान एवं जनकल्याणकारी निर्णय के विरोध में हमेशा कुछ लोग रहते हैं। यदि कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो राज्य के लोगों ने आज साबित कर दिया कि वे सरकार के पूर्ण शराबबंदी के फैसले के पक्ष में हैं। 

श्री कुमार ने कहा कि बहुत थोड़े शिक्षित लोगों ने बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी का विरोध किया था और उन्होंने इसे लोगों की स्वतंत्रता का उल्लंघन माना था। लेकिन वे भूल गये कि भारतीय संविधान में यह स्पष्ट लिखा है कि किसी को यह अधिकार नहीं कि वह सरकार पर लोगों को शराब पीने देने की अनुमति प्रदान करने के लिए दबाव डाले। सरकार के पास ऐसे निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महाअभियान में तीन करोड़ से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से भाग लिया और मानव श्रृंखला के दौरान आमलोगों को किसी तरह की दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ा। इस दौरान एम्बुलेंस, जलापूर्ति के लिए टैंकर एवं आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों को प्रतिबंधित क्षेत्रों से गुजरने की अनुमति प्रदान की गई। साथ ही सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी पालन किया। श्री कुमार ने कहा कि मानव श्रृंखला निर्माण के साथ ही नशामुक्ति के लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से राज्य में अगले दो महीने तक चलने वाला अभियान भी शुरू हो गया है, जिसका समापन 22 मार्च को बिहार दिवस के दिन होगा। राज्य को पूर्ण रूप से नशामुक्त बनाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है। पूर्ण नशामुक्ति लागू करने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त है। इस दिशा में लोगों की धारणा मजबूत बनाने के लिए सरकार आगे भी जागरुकता अभियान चलाती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल कानून के माध्यम से पूर्ण शराबबंदी और नशामुक्ति का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। इसके लिए लोगों का समर्थन एवं सहयोग महत्वपूर्ण है। जन समर्थन के बिना सामाजिक बदलाव की परिकल्पना नहीं की जा सकती है और यह आज मानव श्रृंखला निर्माण के दौरान पूरे राज्य में दिखा है। 

श्री कुमार ने पूरे देश में शराबबंदी लागू होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह केंद्र सरकार से लगातार देश में शराबबंदी लागू करने की मांग करते रहे हैं। ऐतिहासिक मानव श्रृंखला निर्माण की सफलता से संभवत: केंद्र पर इस उद्देश्य को प्राप्त करने का दबाव पड़ेगा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से अन्य राज्यों के लोग भी इसे लागू करने की मांग करने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने मानव श्रृंखला निर्माण के दौरान कुछ बच्चों के बेहोश होने की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के दिन गांधी मैदान में प्रत्येक वर्ष पांच-छह पुलिसकर्मी बेहोश हो जाते हैं। इसलिए महाअभियान के लिए यह एक मामूली बात है। श्री कुमार ने कहा, “मैं वर्ष 2006 से गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस के दिन राज्य की जनता को संबोधित करता आ रहा हूं और प्रत्येक वर्ष कुछ पुलिसकर्मी बेहोश हो जाते हैं।” 

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