नयी दिल्ली, 20 जनवरी, रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने दावा किया है कि नोटबंदी के बाद हुयी नगदी की समस्या से जल्दी ही पार पा लिया जायेगा, संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बुलाये जाने पर आज श्री पटेल उपस्थित हुये कांग्रेस सांसद के वी थामस के अध्यक्षता वाली समिति ने श्री पटेल को नोटबंदी से नगदी की तंगी को लेकर उनके विचार जानने के लिये बुलाया था। श्री पटेल वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की सामने भी उपस्थित हुए थे। वित्त मंत्रालय की समिति को श्री पटेल ने बताया था कि आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद बैंकिंग तंत्र में 9.2 लाख करोड़ रूपये की अधिक की नगदी मुहैया करायी गयी है। वित्त समिति को श्री पटेल कयी सवालों का जवाब नहीं दे पाये थे। श्री पटेल यह बताने में असमर्थ रहे थे कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास 500 और 1000 रूपये के की कितनी धनराशि आयी है। सूत्रों के अनुसार श्री पटेल ने समिति को बताया कि विशेषकर ग्रामीण अंचलों में नोटबंदी के बाद नगदी की किल्लत से निपटने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्थिति को सुधारने के लिये काफी तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। गौरतलब है कि नोटबंदी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था । विपक्ष का आरोप था कि रबी की बुवाई के समय लिया गया फैसला किसानों के लिये बहुत तकलीफ देय साबित हो रहा है। नोटबंदी के कारण किसानों के पास खाद और बीज खरीदने के लिये नगदी की समस्या है। हालांकि सरकार ने रबीकी बुआई के आंकड़े देते हुये कहा था कि बुआई का रकबा पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। सूत्रों के अनुसार श्री पटेल ने समिति को बताया कि शहरी क्षेत्रों में नोटबंदी के बाद नगदी की जो दिक्कतें हुयी थीं वह अब लगभग खत्म हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि नोटबंदी के दौरान बड़ी संख्या में खातों में मोटी रकम जमा करने की जांच आयकर विभाग और सतर्कता निदेशालय कर रहा है। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के दौरान एक्सिस बैंक और कोटक महिन्द्रा समेत कई अन्य बैंकों में अनियमितताओं की बातें सामने आयी। रिजर्व बैंक के भी कई अधिकारी पकड़े गये हैं। नोटबंदी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर असर पड़ने की बावत श्री पटेल ने समिति को बताया कि दीर्घकालिक अवधि में इसके सकारात्मक नतीजे सामने आयेंगे। उन्होंने माना कि नोटबंदी से अल्पकालिक अवधि में जरूर कुछ असर देखने को मिलेगा। गौरतलब है कि नोटबंदी से जीडीपी पर असर की बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई अर्थशास्त्रियों ने व्यक्त की है। सरकार ने भी चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी का अनुमान पहले के 7.6 प्रतिशत की तुलना में घटाकर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। श्री पटेल ने समिति को बताया कि आन लाइन लेन देन की लागत कम करने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। इसके लिये बैंकों और सर्विस प्रदाताओं से विचार-विमर्श हो रहा है। पेट्रोल पंपों से कार्ड के जरिये ईंधन खरीदने पर एक प्रतिशत का प्रभार डीलरों से वसूले जाने के मुद्दे पर पिछले दिनों मालिकों ने नगद बेचने का फैसला किया था लेकिन बाद में तेल एवं प्राकृतिक मंत्रालय के हस्तक्षेप से यह मामला सुलझा लिया गया और इसका वहन सरकारी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां करेगी। नोटबंदी को लेकर श्री पेटल ने कहा था कि यह फैसला सरकार ने लिया था जबकि सरकार का कहना था कि यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक ने लिया है।
शुक्रवार, 20 जनवरी 2017
नोटबंदी से नगदी की समस्या का जल्दी समाधान : पटेल
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