पैनल ने सुझाए नौ नाम, सुप्रीम कोर्ट असहमत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

पैनल ने सुझाए नौ नाम, सुप्रीम कोर्ट असहमत

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नयी दिल्ली, 20 जनवरी, सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त दो सदस्यीय दल ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के संचालन के लिये नौ अधिकारियों के नाम सुझाये। हालांकि शीर्ष अदालत ने इस पर अपनी असहमति जताई है। सर्वाेच्च अदालत ने दो सदस्यीय दल को गठित किया था जिसे बीसीसीआई के संचालन के लिये उपयुक्त उम्मीदवारों के नाम सुझाने का काम सौंपा गया था। इस दल ने शुक्रवार को सर्वाेच्च अदालत के सामने ऐसे नौ अधिकारियों के नामों की पेशकश की जो भारतीय बोर्ड का संचालन कर सकते हैं। हालांकि अदालत ने इस पर यह कहकर असहमति जताई है कि यह संख्या बहुत अधिक है। अदालत ने बीसीसीआई में सुधार के लिये लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करना अनिवार्य कर दिया है। इसी संदर्भ में सर्वोच्च अदालत ने अपनी पिछली सुनवाई में बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बाधा उत्पन्न करने के चलते उनके पदों से हटा दिया था और एक पैनल का गठन कर बोर्ड संचालन के लिये उचित नाम सुझाने को कहा था। 

उच्चतम न्यायालय ने समिति द्वारा सुझाये गये नामों का अभी खुलासा नहीं किया है लेकिन इस बात की पुष्टि कर दी है कि सूची में कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटरों के नाम भी शामिल हैं। अदालत ने साथ ही कहा कि कोई भी अधिकारी जिसकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है, इस पैनल का हिस्सा नहीं बनना चाहिये तथा भारत के मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मैचों के संचालन में भी कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिये। अदालत पहले गुरूवार को ही बोर्ड के नये प्रशासकों के नामों पर फैसला करने वाली थी लेकिन फिर मामले की सुनवाई को शुक्रवार के लिये टाल दिया गया। भारतीय बोर्ड में फिलहाल अध्यक्ष और सचिव के पद खाली हैं और इसका संचालन मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर रहे हैं। अदालत ने दो जनवरी को अपने निर्णय में इन पदाधिकारियों को हटाया था। इससे पहले 18 जुलाई को अपने आदेश में अदालत ने बीसीसीआई के कई पदाधिकारियों को संस्था के काम के लिये अनपयुक्त पाया था। सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने सर्वोच्च अदालत से इन पदाधिकारियों को हटाने का सुझाव दिया था। लोढा समिति की सिफारिशों में मुख्य रूप से कोई भी पदाधिकारी की उम्र 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये। इसके अलावा पदाधिकारी कोई मंत्री, सरकारी नौकरशाह, आरोपी नहीं हो। साथ ही वह एक पद पर नौ वर्ष से अधिक समय तक नहीं रह सकता है। 

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