- गंगा नाव हत्याकांड के लिए राज्य प्रशासन जिम्मेवार, आयोजनों में सरकारी लापरवाही एक बार फिर उजागर: माले
- आपराधिक लापरवाही के जिम्मेवार पटना व सारण के डीएम पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
- शोक संतप्त परिवारों के प्रति माले ने जताया गहरा शोक, आइसा ने कैंडल मार्च आयोजित कर मृतकों को दी श्रद्धांजलि.
पटना 15 जनवरी 2016, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि मकर संक्रान्ति के दिन गंगा नदी में नाव के डूबने से कई लोगों की दर्दनाक मौत बेहद दुखद है. उन्होंने कहा कि यह हादसा नहीं हत्याकांड है. जब प्रशासन ने गंगा के उस पार दियर में पतंग महोत्सव का आयोजन किया, तो नावों व गोताखोरों की पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की गयी? इस आपराधिक लापरवाही के लिए पटना व सारण की डीएम पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश सरकार प्रकाशोत्सव में व्यवस्था की सफलता पर फूले नहीं समा रहे, लेकिन कल की घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि नीतीश कुमार के लिए आम लोगों की जिंदगी का कोई महत्व नहीं है. तकरीबन 30 हजार लोग गंगा के उस पार चले गये, लेकिन उनके आने-जाने की पर्याप्त व्यवस्था बिलकुल नहीं की गयी. जिसकी वजह से यह घटना हुई. लगता है, सरकार ने 2012 में पटना के अदालतघाट छठ हादसा और 2014 के गांधी मैदान हादसा से कुछ भी भी सबक नहीं लिया. ऐसे हरेक मौके पर सरकार की आपदा प्रबंधन की कलई खुल जाती है. सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह लचर है.
माले राज्य सचिव ने घटना की जानकारी मिलते ही पीएमसीएच का भी दौरा किया. उन्होंने मृतक परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है. भाकपा-माले की पटना जिला कमिटी ने अपनी बैठक में मृतकों को श्रद्धांजलि दी. पटना नगर के सचिव अभ्युदय, रणविजय कुमार, नवीन कुमार, मृर्तजा अली, समता राय आदि माले नेताओं ने एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. आइसा ने इस दर्दनाक घटना के खिलाफ बुद्धा स्मृति पार्क के पास शाम में 5 बजे कैंडल मार्च का आयोजन किया. जिसमें आइसा के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, आइसा राज्य अध्यक्ष मोख्तार, हैदर, राज्य उपाध्यक्ष चंद्रभूषण, कार्यालय सचिव निखिल कुमार, राहुल, विकास, मनोज कुमार, संतोष आर्या, सत्यम, सूर्य प्रकाश, आलोक आदि शामिल हुए. वहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आइसा नेताओं ने कहा कि इस घटना में मरनेवाले अधिकांश युवा हैं. सरकार उनके लिए अविलंब 20 लाख रुपये का मुआवजा उपलब्ध कराये.
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